Advertisement
कई इलाके बाढ़ की चपेट में, घरों में घुसा पानी, बोट पलटी, पांच लापता
बाढ़ से अब तक छह की मौत तल्ख तेवर. पानी छोड़ने के मुद्दे पर राज्य सरकार व डीवीसी में विवाद जारी कोलकाता : शनिवार रात से शुरू हुई भारी बारिश के कारण अब तक राज्य में छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह जिलों में एक दर्जन से अधिक नदियों का जलस्तर बढ़ […]
बाढ़ से अब तक छह की मौत
तल्ख तेवर. पानी छोड़ने के मुद्दे पर राज्य सरकार व डीवीसी में विवाद जारी
कोलकाता : शनिवार रात से शुरू हुई भारी बारिश के कारण अब तक राज्य में छह लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह जिलों में एक दर्जन से अधिक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के विपरीत मंगलवार सुबह से ही बारिश की गति धीमी हुई, पर दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा उसके जलाश्यों से पानी छोड़ने के कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है. कारण यह है कि नदियों का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है. जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह तक डीवीसी 1.89 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुका है. मूसलधार बारिश आैर डीवीसी द्वारा छोड़े गयी काफी पानी से सबसे अधिक वीरभूम, पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, मुर्शिदाबाद, बांकुड़ा आैर हावड़ा जिला प्रभावित हुए हैं. बर्दवान व पुरुलिया जिले के भी कुछ इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं.
वीरभूम, बर्दवान, बांकुड़ा आैर पूर्वी मेदिनीपुर जिलों के कई स्थानों पर राज्य व राष्ट्रीय मार्ग पानी में डूबे हुए हैं. पुलों के ऊपर से भी पानी बह रहा है. इस वजह से सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे में कई जिलों के शहर व गांव का संपर्क एक-दूसरे से पूरी तरह कट गया है.
राज्य सचिवालय नवान्न से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ से राज्य में 106 ब्लॉक क्षतिग्रस्त हुए हैं आैर 16 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
उधर, पानी छोड़ने के मुद्दे पर राज्य सरकार आैर डीवीसी के बीच विवाद जारी है. सरकार का कहना है कि वर्ष 2009 के बाद इस बार डीवीसी ने अपने जलाश्यों से रिकॉर्ड पानी छोड़ा है. मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई बैठक के दौरान भी मुख्यमंत्री ने डीवीसी के रवैये पर आपत्ति जतायी थी. राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी भी डीवीसी पर असहयोग करने का आरोप लगा चुके हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद डीवीसी हमें जानकारी दिये बगैर अपनी मर्जी से काफी पानी छोड़ रहा है. इससे राज्य में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है.
चंद्रिमा ने बाढ़ से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग काे दिया निर्देश
कोलकाता. राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है. प्रभावित इलाकों के लोगों को राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है. उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है. उधर, बाढ़ का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने निर्देश दिया है. इस संबंध में जिलाें के स्वास्थ्य निदेशकों को जरूरी निर्देशिका भेजी गयी है. जिला अस्पतालों को जरूरी दवाएं जमा रखने को कहा गया है.
ब्लॉक के उप-स्वसाथ्य केंद्रों में स्लाइन से लेकर सभी जरूरी दवाआें का स्टॉक जमा रखने का निर्देश दिया गया है. राज्य के सभी जिलों व ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क करने के साथ-साथ स्वास्थ्य भवन में एक विशेष कंट्रोल रूम खोलने का भी फैसला लिया गया है. प्रत्येक ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी को स्वास्थ्य भवन में रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कई जिलों में ट्यूबवेल बारिश के पानी में डूब गये हैं. इस वजह से स्थानीय लोगों के विभिन्न रोगों से आक्रांत होने की आशंका है. इसलिए पहले से ही स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पतालों को सतर्क कर दिया है.
हुगली. लगातार पांच दिनों से हो रही मूसलधार बारिश और डीवीसी के बैरेज से पानी छोड़े जाने की वजह से आरामबाग सब-डिवीजन के साथ जिले के अन्य नीचे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. कई गांवों में बांध के टूट जाने से पानी घरों में प्रवेश कर गया है. द्वारकेश्वर, मुंडेश्वरी और रूपनारायण नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
खानाकुल के दो नंबर ब्लॉक स्थित धानोगड़ी नामक स्थान पर नदी बांध टूट जाने से काकनान, घोड़ादह, बंडोर, राजहाटी नंबर -वन, राजहाटी नंबर-टू और कई अन्य गांवों के बड़े हिस्से में पानी में डूब गये. लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे स्थान का सहारा लिया.
बाद में उन्हें एनडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. मंगलवार को खानाकुल में बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित जगह पर ले जा रही बोट किशोरपुर के पास ओवरलोड होने की वजह से पलट गयी. जिसके कारण पांच लोगों की लापता होने की खबर है. उनमें दो बच्चे और तीन महिला हैं. तीन लोगों के शव बरामद कर लिये गये हैं.
आरामबाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 50 लोगों को सुरक्षित जगहों में ले जाते समय यह घटना हुयी. लोगों को विद्यालय,भवनों या फिर अस्थाई शिविर में शरण दी गयी गयीहै. जिला प्रशासन के तरफ से बाढ़ पीड़ितों को खान पान की सामग्री, पेयजल और मेडिकल की सुविधा प्रदान की गयी है.
आरामबाग नगरपालिका के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 12, 13, 14 और 19 बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. आरामबाग के कालीपुर राजमार्ग, आरामबाग-बांकुड़ा राजमार्ग और आरामबाग – मिदनापुर उच्च मार्ग सभी बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूबे हुए हैं.
प्रभावित राजमार्गों पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है. बुधवार सुबह डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने की वजह से दामोदर नदी का जल प्रवाह बढ़ गया जिसकी वजह से दामोदर नदी पर जुबली पार्क क्षेत्र में बना बांध टूट गया. इस बाध के टूटते ही आरामबाग में बाढ़ आ गयी जिसमे एसडीओ, एसडीपीओ कार्यालय, अरामबाग महिला कॉलेज, स्कूल के आसपास के इलाके जलमग्न हो गये. आरामबाग बस स्टैंड भी पानी में डूबा है. बस सेवा बंद है.
द्वारकेश्वर नदी पर कार्तिकचंद्रपुर इलाके में बना बांध भी टूट गया जिसकी वजह से 20 गांव बाढ़ की चपेट में आ गये.कृषि विपणन मंत्री श्री तपन दास गुप्ता, जिला शासक संजय बंसल, हुगली जिला पुलिस सुपर (ग्रामीण) सुकेश जैन व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को एक आपातकालीन बैठक की जिसमें बाढ़ से निपटने के लिए युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने का निर्णय लिया गया. तपन दासगुप्ता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 30 राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, दवाइयों और तिरपालों जैसे आवश्यक सामग्रियों को पहुंचा दिया गया है. बैठक के बाद प्रशासनिक प्रमुखों की टीम के साथ मंत्रियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों का दौरा किया.
उदयनारायणपुर : कई गांव डूबे, 50 हजार प्रभावित
हावड़ा. दामोदर घाटी निगम के पानी छोड़ने के कारण उदयनारायणपुर के अधिकतर इलाके जलमग्न हो गये हैं. बुधवार शाम तक दामोदर नदी बांध में पानी के बढ़े स्तर के कारण कई गांवों में बाढ़ के हालात दिख रहे हैं. इससे लगभग 50 हजार लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इस विषय पर उदयनारायणपुर के विधायक समीर पांजा ने कहा कि बुधवार सुबह से नदी के बांध का पानी एक-एक करके विभिन्न गांवों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है. पानी में फंसे हुए लोगों की मदद के लिए अभी तक 49 मदद शिविर लगाये गये हैं. मुख्यमंत्री के आदेश पर इलाके के सभी प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारी पूरी तरह से राहत कार्य में जुटे हैं. लोगों को खाने-पीने की चीजें, बेबी फुड, दवाइयां, पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है.
मेदिनीपुर में उफान पर नदियां, कई पुल क्षतिग्रस्त
हल्दिया. लगातार बारिश व डीवीसी के पानी छोड़े जाने से कांसाई नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इससे पांसकुड़ा के लोग बाढ़ की आशंका जता रही है. क्षिराई, चंडिया नदी का पानी पांसकुड़ा 1 नंबर ब्लॉक के हाऊर व चैतन्यपुर -2 पंचायत इलाके के 10-12 गांवों में घुस गया है.
बुधवार को कंसावती नदी पर बने सराई व डोमघाट में बांस के दो पुल पानी के धक्के से टूट गये. पांसकुड़ा के कई इलाकों में रूपनारायण के बांध की स्थिति भी नाजुक है. जलस्तर बढ़ने के कारण इलाके के लोग आतंकित हैं. बुधवार को नदी का परिदर्शन पांसकुड़ा 1 नंबर ब्लॉक के बीडीओ विकास कुमार दत्त और पंचायत समिति की अध्यक्ष लिपिका हाजरा ने किया. बीडीओ ने बताया कि सुबह की तुलना में जलस्तर घटा है. बाढ़ की आशंका कम हुई है. हालांकि आसपास के गांव के लोगों को सतर्क किया गया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement