कोलकाता. मदन तामांग हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ 17 अगस्त तक निचली अदालत में आरोप पत्र दायर करने का निर्देश कलकत्ता हाइकोर्ट ने दिया है. बुधवार को पहाड़ को लेकर दायर जनहित मामले की सुनवाई में कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया. 23 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. बुधवार को मामले की सुनवाई में हाइकोर्ट के निर्देशानुसार सीबीअाइ ने हलफनामा दिया. मामले की शुरुआत में राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने बताया कि अदालत के निर्देश के तहत पहाड़ में केंद्रीय बल की नियुक्ति हुई है.
हालांकि स्थिति अब भी सामान्य नहीं है. आंदोलनकारी अब भी सरकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं. खंडपीठ ने सीबीअाइ की भूमिका को भी लेकर सवाल उठाया. अदालत ने सीबीअाइ से जानना चाहा कि मदन तामांग हत्या मामले की जांच इतनी लंबी क्यों चल रही है. सुनवाई में मौजूद केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल कौशिक चंद ने हलफनामा के प्रसंग को उठाया और कहा कि सीबीआइ अपना काम कर रही है.
लेकिन कुछ कानूनी जटिलताओं के कारण मामले में आरोप गठित करना संभव नहीं हो सका है. आरोपियों में से कुछ निचली अदालत में हत्या मामले से छूट के लिए आवेदन किया है. निचली अदालत में मामले की सुनवाई अभी भी पूरी नहीं हुई है. निचली अदालत में मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी. दूसरी ओर, याचिकाकर्ता वकील रमाप्रसाद सरकार ने कहा कि एक महीने होने पर भी पहाड़ की स्थिति अब भी पहले की तरह ही है. जनजीवन बदहाल है. दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने मदन तामांग हत्या मामले में जल्द आरोप पत्र जमा करने का निर्देश दिया.