बागडोगरा. आरपीएफ और बागडोगरा पुलिस की सतर्कता से दो स्कूली छात्राओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचा लिया गया. इसके साथ ही मानव तस्करी के आरोप में एक महिला पुष्पा मांझी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को घटी घटना के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बचा ली गयी दोनों नाबालिग छात्राएं सूर्यनगर, बागडोगरा की निवासी है, जिनमें से एक की उम्र 15 साल तथा दूसरे की 13 साल है. ये दोनों बागडोगरा स्थित शुभमाया हिन्दी हाइस्कूल में 10वीं और सातवीं कक्षा की छात्राएं हैं. रविवार को इन दोनों लड़कियों को बिहार के सीवान जिले में नाच पार्टी में काम करने के लिए 20 हजार रुपये मासिक वेतन पर ले जाये जाने की बात थी. इसी के लिए उन्हें बागडोगरा रेलवे स्टेशन ले जाया गया. वहीं से कटिहार जाने वाली ट्रेन पर पुष्पा मांझी सवार हुई. कुछ ही समय बाद एक नाबालिग लड़की की मां कुमारी माझी बागडोगरा स्टेशन पर पहुंची तो उन्हें एक परिचित व्यक्ति ने बताया कि उनकी बेटी के साथ एक और लड़की एक महिला के साथ कटिहार जाने वाली ट्रेन पर सवार है.
कुमारी माझी ने इसके तुरंत बाद बागडोगरा आरपीएफ कार्यालय जाकर घटना की जानकारी दी और अपनी बेटी की दो फोटो भी जमा दी. इसके अलावा उन्होंने बागडोगरा थाने में अपहरण का एक मामला दर्ज कराया. रविवार की रात को जैसे ही पुष्पा मांझी दोनों लड़कियों को लेकर कटिहार रेलवे स्टेशन पर उतरी, वैसे ही आरपीएफ ने तीनों को अपनी हिफाजत में ले लिया. सोमवार की रात को बागडोगरा पुलिस की एक टीम कटिहार से दोनों लड़कियों को आरोपी महिला के साथ बागडोगरा पहुंची. मंगलवार को बागडोगरा थाने में पूछताछ के दौरान पुष्पा मांझी ने बताया कि सीवान में एक आरकेस्ट्रा पार्टी है, जो नृत्य का आयोजन करती है. वहां एक रात नाचने के लिए एक हजार रुपये पारिश्रमिक दिये जाते हैं. वहीं पर काम दिलाने के लिए वह दोनों लड़कियों को ले जा रही थी. पुलिस पुष्पा के बयान की छानबीन कर रही है. पुलिस का मानना है कि आरोपी दोनों लड़कियों को बेच देने के लिए ले जा रही थी. आरकेस्ट्रा पार्टी में काम दिलाना तो महज बहाना था.
पुलिस को ये जानकारी मिली है कि पुष्पा ने दो बार शादी की थी, लेकिन उसकी किसी भी पति के साथ पटरी नहीं जमी. इसीलिए वह दूसरे राज्यों और नेपाल में रहती थी. वहीं से वह नारी तस्करी की घटनाओं को अंजाम देती थी. पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है.