विज्ञप्ति के अनुसार डिजिटल राशन कार्ड नहीं होने पर प्रति ग्राहक को केवल 150 मिली लीटर केरोसिन ही मिलेगा, पर राज्य के पिछड़े इलाकों के बाशिंदों को इस नियम से बाहर रखा गया है, उन्हें डिजिटल राशन कार्ड नहीं होने पर भी एक लीटर केरोसिन दिया जायेगा. अभी तक विभिन्न जिलों के लोगों को अलग-अलग मात्रा में केरोसिन तेल मिलता रहा है.
कोलकाता एवं सॉल्टलेक के लोगों के लिए अधिक मात्रा में केरोसिन आवंटित था, जिसके खिलाफ मामला भी चल रहा है. उस मामले में ही हाइकोर्ट ने राज्य सरकार काे एक समान नीति ग्रहण करने का निर्देश दिया था. हाइकोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकार ने जो नयी नीति तैयार की है, उसमें कहा गया है कि डिजिटल राशन कार्ड धारक ग्राहकों को 600 मिली लीटर केरोसिन दिया जायेगा, लेकिन डिजिटल राशन कार्ड रहे या न रहे, जंगलमहल, सुंदरवन व छिटमहल जैसे पिछड़े इलाकों में के निवासियों को एक लीटर केरोसिन दिया जायेगा.