माकपा राज्य कमेटी की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि दार्जिलिंग के पहाड़ और समतल इलाकों के विभाजन की राजनीति शुरू हो गयी है. समय बीतने के साथ वहां की परिस्थिति और जटिल होती जा रही है. आरोप के अनुसार स्थिति के समाधान की कोशिश की बजाए सिलीगुड़ी समेत समतल क्षेत्र के कई इलाकों में सत्तारूढ़ दल के प्रचार के कारण विभाजन की आंच और तेज हो रही है. चाय बागान श्रमिकों के आंदोलन की वजह से पहाड़, तराई और डुवार्स के लोगों मेें एकता बनी है जो मौजूदा स्थिति से प्रभावित हो सकती है.
माकपा की ओर से मांग की गयी है कि दार्जिलिंग समेत राज्य के जिन हिस्सों में अशांत माहौल है वहां शांत व स्वाभाविक माहौल के लिए राज्य सरकार को बातचीत के जरिए समाधान निकाले जाने की आवश्यकता है. इधर दार्जिलिंग की स्थिति स्वाभाविक करने की मांग पर आगामी तीन जुलाई को वाममोरचा दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से सिलीगुड़ी में रैली निकाले जाने की आह्वान किया गया है. माकपा राज्य कमेटी की ओर से रैली में हर धर्म, हर भाषा से जुड़े, दार्जिलिंग के स्थानीय लोग और तमाम वामपंथी लोगों के शामिल होने का आह्वान किया गया है.