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राज्य सरकार ने अपनायी ”वेट एंड वाच” नीति

कोलकाता. दार्जिलिंग को लेकर पश्चिम बंगाल ने अब ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपनाते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया है. यदि गोजमुमो द्वारा अशांति नहीं फैलायी जाती है तो पुलिस भी अनायास कोई कार्रवाई नहीं करेगी. मंगलवार को आइपीएस अधिकारी जावेद शमीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दार्जिलिंग की मौजूदा परिस्थिति की रिपोर्ट सौंपी. […]

कोलकाता. दार्जिलिंग को लेकर पश्चिम बंगाल ने अब ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपनाते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया है. यदि गोजमुमो द्वारा अशांति नहीं फैलायी जाती है तो पुलिस भी अनायास कोई कार्रवाई नहीं करेगी. मंगलवार को आइपीएस अधिकारी जावेद शमीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दार्जिलिंग की मौजूदा परिस्थिति की रिपोर्ट सौंपी. इसमें दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा के बढ़ते आंदोलन को लेकर चिंता जतायी गयी है.

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दार्जिलिंग से नेपाल एवं सिक्किम की ओर जानेवाले सभी रास्तों पर स्थायी पुलिस कैंप लगाने की सिफारिश की है. यह भी बताया गया है कि गोजमुमो के कुछ नेताओं के पास अत्याधुनिक हथियार हैं. कुछ नेताओं को लेकर वहां कोर सुरक्षा बल तैयार किया गया है, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं. इस कोर सुरक्षा बल में बंगाल के साथ सिक्किम, नेपाल एवं असम के भी कई अपराधी शामिल हैं. यह भी बताया गया है कि गोजमुमो नेताओं ने कालिम्पोंग के गोरुबथान, दार्जिलिंग के सुखियापोखरी व नेपाल के भक्तपुर में हथियार जमा कर रखा है. रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव बासुदेव बनर्जी, गृह सचिव मलय दे, डीजी सुरजीत कर पुरकायस्थ के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि दार्जिलिंग में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं. इसके बावजूद वहां लोगों को प्रत्येक आंदोलन की जानकारी कैसे मिल रही है? वह कैसे एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं? इस पर पुलिस अधिकारियों ने रेडियो पर संदेह जाहिर करते हुए कहा कि वहां हैम रेडियो के माध्यम से शायद सूचनाएं फैलायी जा रही हैं.

राज्य सरकार ने इस संबंध में हैम रेडियो विशेषज्ञों से सलाह मांगी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दार्जिलिंग के लोगों के पास वैकल्पिक रास्तों से खाद्य पदार्थ व दवाएं पहुंचायी जा रही हैं. यह गोरुबथान, सिक्किम एवं नेपाल के रास्ते दार्जिलिंग पहुंच रहा है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि दार्जिलिंग में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करने को तैयार है.

साथ ही उन्होंने किसी प्रकार के विवाद में नहीं पड़ने का निर्देश दिया. गोजमुमो के इस आंदोलन के पीछे विदेशी शक्तियों का हाथ है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है. दार्जिलिंग में हिंसा फैलने के बाद मुख्यमंत्री ने तीन आइपीएस अधिकारी जावेद शमीम, अजय नंद एवं सिद्धिनाथ गुप्ता को वहां भेजा था. तीनों अधिकारियों की टीम ने ही गोजमुमो अध्यक्ष विमल गुरुंग के घर पर छापेमारी कर हथियार बरामद किये थे. यह टीम दार्जिलिंग की पूरी परिस्थिति पर नजर रख रही है.

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