70 फीसदी आबादी की आजीविका का आधार पशुधन हैं. उन्होंने कहा कि देश में पशुधन में पश्चिम बंगाल का बड़ा योगदान है. उन्होंने विश्वविद्यालय को राष्टीय संस्थान बताया. मौके पर राज्यपाल ने सभी छात्रों को उनकी डिग्री के लिए बधाई देते हुए कहा यह यूनिवर्सिटी राज्य की एकमात्र यूनिवर्सिटी है जो दक्ष श्रमशक्ति के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ा रही है. विशेषकर गांव के किसानों को पशु पालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनुसंधान के जरिये प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर बना रही है. समारोह में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पूर्णेन्दु विश्वास ने कहा कि यूनिवर्सिटी की स्थापना 1995 में की गयी. यूनिवर्सिटी दो दशक से पशु चिकित्सा विज्ञान, पशु पालन व मत्स्य पालन के क्षेत्र में छात्रों को अच्छी शिक्षा दे रहा है.
यह यूनिवर्सिटी राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में काम कर रही है. प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरणविद्, लेखक पद्मश्री तुषार कांजीलाल को ऑनरिस क्वाजा से सम्मानित किया गया. राज्य-स्वतंत्र प्रभारी मंत्री स्वपन देवनाथ ने अपने विचार व्यक्त किये.
राज्य सरकार के मत्स्य विभाग के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि यूनिवर्सिटी के छात्र राज्य के आर्थिक विकास में आगे भी योगदान देंगे, ऐसा मेरा मानना है. इनकी सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं. कार्यक्रम में 77 छात्रों को ग्रेजुएशन डिग्री प्रदान की गयी. पोस्ट-ग्रेजुएट में 65 व डॉक्टोरल डिग्री के लिए 17 विद्वानों को अवॉर्ड दिया गया. इसके अलावा 25 छात्रों को एक्सीलेंस एकेमिक नतीजों के लिए अलग-अलग श्रेणी में गोल्ड मेडल दिये गये. समारोह में एक्जीक्यूटिव काउंसिल के संदस्य, रजिस्ट्रार, रिसर्च के निदेशक, परीक्षा नियंत्रक व यूनिवर्सिटी के वित्तीय अधिकारी सहित तीन फैकल्टी के डीन, छात्र व शिक्षक भारी संख्या में उपस्थित रहे.