कोलकाता. महानगर में सैकड़ों की संख्या में ऐसी जर्जर इमारते हैं, जिन्हें कोलकाता नगर निगम स्वयं खतरनाक घोषित कर चुका है. इसके बावजूद न तो मकान मालिक इन इमारतों की मरम्मत करवाते हैं आैर न ही उसमें रहनेवाले लोग घर को खाली करते हैं. हालांकि जर्जर इमारतों की मरम्मत को प्रोत्साहित करने के लिए निगम ने बिल्डिंग कानून में कई संशोधन करते हुए कई ऑफर भी दिये हैं. पर कोई फायदा नहीं हुआ. जर्जर इमारतों में हादसे की कई घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी हैं.
इसी महीने नारकेलडांगा रोड पर स्थित एक पुरानी इमारत का एक हिस्सा गिर पड़ा था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. इस स्थिति को देखते हुए निगम ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब कोलकाता नगर निगम शहर की इन जर्जर इमारतों की जिम्मेदारी खुद अपने हाथों में लेकर इनका पुनर्निर्माण करवायेगा.
इस संबंध में मेयर शोभन चटर्जी ने बताया कि हाल में बड़ाबाजार में एक इमारत का एक हिस्सा गिर पड़ा था, उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खतरनाक घोषित की जा चुकी इमारतों के बारे में कानून बनाने की बात कही थी. श्री चटर्जी ने कहा कि खतरनाक घोषित किये जाने के बावजूद इस प्रकार के घरों में लोग रह रहे हैं. मालिक मकान को किराये के रूप में इतनी कम रकम मिलती है कि उससे टैक्स भी पूरा नहीं हो पाता है. इस संबंध में हम लोगों ने विधानसभा में एक कानून बनाया है. उसी के आधार पर निगम ने एक नया नियम तैयार किया है, जिसे मेयर परिषद की बैठक व निगम के मासिक अधिवेशन में मंजूरी भी मिल गयी है. इस नियम के अनुसार हम लोग महानगर की खतरनाक घोषिक की जा चुकी इमारतों की एक स्कीम नगरपालिका विभाग के पास भेजेंगे. वहां से मंजूरी मिलने के बाद एक जुलाई से निगम इन इमारतों की जिम्मेदारी संभाल लेगा. उसके बाद इन घरों को खाली करवा कर उनका फिर से निर्माण करवाया जायेगा. निर्माण के बाद इमारत को फिर से उसके मालिक को सौंप दिया जायेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्माण के लिए टेंडर जारी किये जाने की योजना है.
प्रत्येक वार्ड को निगम की ओर से दी जायेगी डिसिल्टिंग मशीन
नालों की सफाई के लिए अब कोलकाता नगर निगम प्रत्येक वार्ड को एक मेनहोल डिसिल्टिंग मशीन उपलब्ध करायेगा. निगम के मासिक अधिवेशन में एक सवाल के जवाब में विभागीय मेयर परिषद सदस्य तारक सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम के मद्देनजर सिंचाई विभाग खालों की सफाई का काम कर रहा है. महानगर में 25 खाल हैं, सभी की सफाई का काम चल रहा है. खालों से कचरा निकालने का काम तेजी से चल रहा है. महानगर को जलजमाव से बचाने के लिए नालों की सफाई के लिए प्रत्येक वार्ड को एक-एक मेनहोल डिसिल्टिंग मशीन दिया जायेगा. 53 करोड़ रुपये हमें मिला है, जिससे 260 मशीनें खरीदी गयी हैं. श्री सिंह ने कहा कि मैं इतना आश्वासन देना चाहता हूं कि इस बार बरसात में कोलकाता नहीं डूबेगा.
निगम में डॉक्टर, नर्स एवं तकनीशियनों की भारी कमी
शहर के लगभग प्रत्येक वार्ड में कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन इन केंद्रों में डॉक्टरों, नर्सों व तकनीशियनों की भारी कमी है. बुधवार को कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में भाजपा पार्षद व पूर्व डिप्टी मेयर मीना देवी पुरोहित के एक सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य अतीन घोष ने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 288 डॉक्टरों, 288 नर्सों एवं भारी संख्या में फार्मसिस्ट व तकनीशियनों की जरूरत है, लेकिन हमें हमारी जरूरत का केवल 40-45 प्रतिशत डॉक्टर, नर्स व तकनीशियन ही मिल पाते हैं. श्री घोष ने बताया कि एनयूएचएम प्रोजेक्ट के तहत हमें 2011-2016 तक 25 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जिसे हमने विकास कार्यों पर खर्च कर दिया. वहीं 2017 में अब तक हमें 15 करोड़ से कुछ अधिक रकम मिली है, जिसमें से अब तक तीन करोड़ से अधिक की रकम खर्च हो चुकी है. पहले इस परियोजना में केंद्र की 75 प्रतिशत एवं राज्य की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी होती थी, लेकिन अब केंद्र की हिस्सेदारी घट कर 60 प्रतिशत एवं राज्य की हिस्सेदारी बढ़ कर 40 प्रतिशत हो चुकी है.
अब महानगर के अस्पतालों की सफाई करेगा निगम
महानगर की सफाई की जिम्मेदारी निभा रहा कोलकाता नगर निगम अब शहर के सभी सरकारी अस्पतालों की साफ-सफाई का काम भी करेगा. मेयर शोभन चटर्जी ने यह जानकारी दी. श्री चटर्जी ने बताया : मंगलवार को शंभुनाथ पंडित व रामरिक अस्पताल के आैचक निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने मुझे इन अस्पतालों की सफाई करवाने का निर्देश दिया था. उनके निर्देशानुसार हम लोगों ने मंगलवार को वहां सफाई करवायी. आज भी वहां निगम कर्मियों ने काम किया है. बुधवार को मुख्यमंत्री ने एसएसकेएम अस्पताल का जायजा लिया आैर शहर के अस्पतालों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी निगम को लेने का निर्देश दिया. उनके निर्देश के बाद हम लोगों ने फैसला किया है कि अब से शहर के सभी अस्पतालों की साफ-सफाई का काम कोलकाता नगर निगम करेगा. इस काम में शहरी रोजगार योजना के तहत काम कर रहे लोगों को लगाया जायेगा.