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पर्यावरण को बचाने की मुहिम एक सामाजिक जिम्मेवारी

कोलकाता : जिस तरह से हम पर्यावरण को क्षति पहुंचाते जा रहे हैं, वह दिन दूर नहीं कि जल्दी ही पृथ्वी विनाश के कगार पर पहुंच जायेगी. ग्रीस दार्शनिक प्लेटो का कथन है कि ‘अच्छी शुरुआत आधी सफलता होती है’ कि तर्ज पर ‘प्लास्टिक वर्जित समाज’ को लेकर पर्यावरण बचाओ मुहिम के प्रति लोगों को […]

कोलकाता : जिस तरह से हम पर्यावरण को क्षति पहुंचाते जा रहे हैं, वह दिन दूर नहीं कि जल्दी ही पृथ्वी विनाश के कगार पर पहुंच जायेगी. ग्रीस दार्शनिक प्लेटो का कथन है कि ‘अच्छी शुरुआत आधी सफलता होती है’ कि तर्ज पर ‘प्लास्टिक वर्जित समाज’ को लेकर पर्यावरण बचाओ मुहिम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभात खबर की टीम ने अहले सुबह महानगर के मार्निंग वॉकरों से एलियट पार्क में जाकर उनकी राय ली. अधिकतर लोगों ने माना कि पर्यावरण को बचाने की मुहिम एक सामाजिक जिम्मेवारी है.
हीरालाल जायसवाल : हमलोगों को प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. इसके लिए पेपर बैग का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प है.
राजकुमार लोहिया : हमलोगों को कागज का बैग प्रयोग में लाना चाहिए. इससे पर्यावरण को सबसे कम क्षति होती है. इससे पहले तो लोगों को बाजार करने में असुविधा होगी, लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जायेगी. इसके अलावा सरकार को भी आगे आने की जरूरत है.मनोज साव : हमें इसके लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. कई राज्यों में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा चुका है. सिक्किम की तरह बंगाल को भी कदम उठाना होगा व इसके लिए आम लोगों का समर्थन भी जरूरी है.
राजकुमार साव : प्लास्टिक का प्रयोग बंद होना चाहिए. खासकर बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या के लिए भी नालों में प्लास्टिक बड़ा कारण है. इसके लिए हमें आगे आकर पहल करने की जरूरत है.
रतनलाल शाह : इसके लिए जनजागरण ही सबसे सामयिक उपाय है, क्योंकि जिस तरह से सड़क पर पड़े कचरे का पशुधन सेवन करते हैं उससे मरने की नौबत तक आ जाती है. बायोडिग्रेडेबल नहीं होने की वजह से यह पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है.
पवन कुमार : पूरी तरह से बंद नहीं भी हो तो इसके लिए जो मानक तय किये गये हैं उसको अमल में लाना चाहिए. जैसे 40 माइक्रान से कम वजन के प्लास्टिक को बंद करना आदि. तभी प्लास्टिक वर्जित समाज का निर्माण संभव होगा.
अजय गोयल : जिस तरह से हमारी जिंदगी में प्लास्टिक शामिल हो चुका है, उससे इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध संभव नहीं है. समस्या के समाधान के लिए अन्य उपाय करने की जरूरत है. कंपनियों को अपने उत्पाद कागज या कपड़े के बैग में पैक करने की पहल करनी चाहिए.
काली प्रसाद जायसवाल : अगर प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह से बंद हो जाये तो सबसे अच्छा होगा. इससे हमारे पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचती है. इसे बंद करने में आम लोगों का समर्थन हासिल करने की जरूरत है.
सुरेंद्र खेतान : प्लास्टिक को पूरी तरह से नष्ट नहीं किया जा सकता है, जिसकी वजह से यह पर्यावरण के लिए खतरनाक है. हमें इसके प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ताकि अाने वाली पीढ़ी को इसका दंश नहीं झेलना पड़े.
बीपी चतुर्वेदी : पहले लोग कागज के ठोंगा का इस्तेमाल करते थे जो कि पूरी तरह से पर्यावरण के अनुरूप था, लेकिन प्लास्टिक को हम सुविधा के लिए प्रयोग में लाने लगे. परंतु इसके दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए हमें अन्य विकल्प जैसे कपड़े का बैग प्रयोग में लाने की जरूरत है.
गोपाल गुप्ता : प्लास्टिक को पूरी तरह से वर्जित करने की जरूरत है. रास्ते में इधर उधर घूमनेवाले जानवर भी इसको खा लेते हैं, जिससे उनका भी नुकसान होता है. हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
संजीव गुप्ता : प्लास्टिक से नालियां जाम हो जाती हैं. इसके अलावा अन्य नुकसान तो है ही. हमलोगों को इसके लिए जूट के बस्ते का प्रयोग करने की जरूरत है. वैसे भी बंगाल जूट के उत्पादन में पूरे देश में पहला स्थान रखता है. अन्य राज्यों को भी इसके लिए नियमन करने की जरूरत है.

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