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बंगाल विधानसभा चुनाव में भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और तस्करी में आयी कमी

बंगाल विधानसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं और दो चरण शेष बचे हैं. चुनाव के वक्त जहां पुलिस अपराधियों की धर-पकड़ तेज कर देती है. विधानसभा चुनाव के कारण सख्ती की वजह से भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के मामलों में भी कमी आयी है. पिछले वर्ष की तुलना ‌में सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स व अन्य सामानों की तस्करी करने वालों पर लगाम भी लगी है.

कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव के छह चरण पूरे हो चुके हैं और दो चरण शेष बचे हैं. चुनाव के वक्त जहां पुलिस अपराधियों की धर-पकड़ तेज कर देती है. विधानसभा चुनाव के कारण सख्ती की वजह से भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के मामलों में भी कमी आयी है. पिछले वर्ष की तुलना ‌में सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स व अन्य सामानों की तस्करी करने वालों पर लगाम भी लगी है.

चुनाव के मद्देनजर सीमा पार से या सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय अराजक तत्व चुनाव में किसी प्रकार की गड़बड़ी ना फैला सकें, इसके लिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पूरी तरह अलर्ट है. बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत आने वाली भारत और बांग्लादेश से सटी करीब 913 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे संवेदनशील क्षेत्रों में मतदान से पहले बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस को करीब 80 से ज्यादा अपराधियों की सूची सौंपी थी, जिसके आधार पर धर-पकड़ की गयी.

बीएसएफ की ओर से चलाये जा रहे शून्य तस्करी अभियान के तहत जवानों ने इस साल अब तक जनवरी से लेकर 22 अप्रैल तक यानी चार माह से भी कम समय में इस बॉर्डर इलाके से 200 तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 163 भारतीय हैं, जबकि 37 बांग्लादेश के नागरिक. पिछले साल इस अंतराल में 190 तस्करों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनमें 157 भारतीय नागरिक और 33 बांग्लादेशी थे.

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अवैध तरीके से सीमा पार करने वालों पर भी बीएसएफ ने ‌शिकंजा कसा है. इस साल जनवरी से 22 अप्रैल तक घुसपैठ के आरोप में 143 भारतीय नागरिकों और 824 बांग्लादेश के नागरिकों को दबोचा गया, जबकि पिछले साल 76 भारतीय नागरिकों और 1432 बांग्लादेश के नागरिकों को घुसपैठ के आरोप में पकड़ा गया था.

गौरतलब है कि बंगाल के पांच जिले- उत्तर व दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद की सीमाएं भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में हैं. यह सीमावर्ती क्षेत्र बेहद ही संवेदनशील हैं और राजनीतिक हिंसा व आपराधिक क्रियाकलापों के लिए कुख्यात हैं. साथ ही यह बॉर्डर इलाका दशकों से तस्करी वह घुसपैठ के लिए कुख्यात रहा है. इनमें मालदा व मुर्शिदाबाद जिले में सातवें चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है.

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सबसे ज्यादा अपराधी मालदा व मुर्शिदाबाद से पकड़ाये

बीएसएफ के मुताबिक, सबसे ज्यादा अपराधियों की धर-पकड़ मालदा व मुर्शिदाबाद जिले से ही हुई है. दरअसल इन जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों व इससे लगती सीमा के उस पार बड़ी संख्या में कट्टरपंथी तत्व सक्रिय हैं, जो हर बार चुनाव में गड़बड़ी फैलाते रहे हैं. हालांकि, इस बार बीएसएफ ने पहले ही उनकी नकेल कस दी है.

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों की सूची बीएसएफ द्वारा पुलिस को सौंप दी गयी थी. सूची में 80 ऐसे लोगों ‌के नाम थे, जिन पर सीमावर्ती इलाकों ‌में हुए आपराधिक घटनाओं में शामिल होने का आरोप है.

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तस्करी भी हुई है कम

उन्होंने बताया कि चुनाव के मद्देनजर सीमा पर जवान कड़ी निगरानी रखे हुए हैं. बड़ी संख्या में अपराधियों व तस्करों के पकड़े जाने से हाल के दिनों में घुसपैठ के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. उन्होंने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करी की घटनाओं में भी कमी आयी है.

Posted By : Mithilesh Jha

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