कोलकाता : भारत में चुनाव को लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. नक्सलियों ने हमेशा से चुनाव का विरोध किया है. इसके बहिष्कार की अपील की है. लेकिन, बहुत से नक्सली नेता ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने बाद में लोकतंत्र में आस्था जतायी. चुनाव भी लड़े. बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भी एक नक्सल पंथी नेता चुनाव के मैदान में हैं. उनकी संपत्ति के बारे में जानकर आप हैरान रह जायेंगे.
बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ रहे इस नक्सलपंथी उम्मीदवार का नाम है विनय कुमार दास. चुनाव लड़ना उत्तर दिनाजपुर के रहने वाले विनय कुमार दास का शौक है. उनकी संपत्ति करीब 651 करोड़ रुपये है. जी हां, 650 करोड़ 82 लाख 57 हजार रुपये के मालिक हैं विनय कुमार. शौक के लिए चुनाव लड़ने वाले नक्सली नेता विनय कुमार दास शौक से ही किराये के मकान में रहते हैं.
विनय कुमार दास ने शनिवार को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना परचा दाखिल किया. उन्होंने बताया है कि पिछले कई दशकों से वह शौकिया तौर पर किराये के मकान में रहते हैं. उनकी पैतृक संपत्ति की कीमत 650 करोड़ 82 लाख 57 हजार रुपये है. रायगंज विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने वाले विनय मूल रूप से कर्णजोरा कालीबाड़ी इलाके के रहने वाले हैं.
वह पंचायत दफ्तर में काम करते थे. वर्ष 2005 में रिटायर हुए. इसके पहले वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव में उन्होंने रायगंज जिला परिषद की एक सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गये थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी रायगंज से किस्मत आजमायी, लेकिन जनता ने साथ नहीं दिया.
बंगाल, यूपी, हरियाणा में 14 पैतृक आवास
विनय बताते हैं कि मालदा में पैतृक संपत्ति है. करीब 100 एकड़ से अधिक जमीन है. कुछ जमीन पर आम के बागान हैं, जो उन्हीं के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. इसके अलावा रायगंज, मालदा, जलपाईगुड़ी, हरियाणा और बनारस में 14 पैतृक निवास हैं. उन्होंने बताया कि वह न केवल शौक से किराये के मकान में रहते हैं, बल्कि चुनाव लड़ना भी उनका शौक है. इसीलिए हर चुनाव लड़ते हैं. भले हार ही क्यों न मिले.
विनय पर कोई मुकदमा नहीं
विनय कुमार दास ने अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि आज तक उन्हें किसी मामले में न तो दोषी ठहराया गया है, न ही उन्हें किसी मामले में सजा सुनायी गयी है. उनके ऊपर कोई मुकदमा भी लंबित नहीं है. 650 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक विनय कुमार दास के पास नकद बिल्कुल नहीं है. उनकी पत्नी के पास न तो गहने हैं, न नकद.
उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय से विनय कुमार दास ने वर्ष 1966 में बीएससी की परीक्षा पास की. कोई लोन भी नहीं लिया है. न ही किसी प्रकार की देनदारी है. पेंशन को आमदनी का जरिया बताया है. ज्ञात हो कि उत्तर दिनाजपुर जिला की सभी 9 विधानसभा सीटों पर छठे चरण में 22 अप्रेैल को मतदान होगा. बंगाल में इस बार आठ चरणों में वोटिंग हो रही है. दो चरणों की वोटिंग 27 मार्च और 1 अप्रैल को हो चुकी है. तीसरे चरण का मतदान मंगलवार (6 अप्रैल) को होने वाला है.
Posted By : Mithilesh Jha