मरीज की गर्दन से बड़ा ट्यूमर निकाल डॉक्टरों ने बचायी जान

एसएसकेएम (पीजी) में एक महिला मरीज की सफल सर्जरी कर उसकी गर्दन से एक बड़े सिस्ट (ट्यूमर) को निकाल लिया गया.

By Prabhat Khabar | April 17, 2024 1:59 AM

– एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल में हुई सफल सर्जरी

कोलकाता. एसएसकेएम (पीजी) में एक महिला मरीज की सफल सर्जरी कर उसकी गर्दन से एक बड़े सिस्ट (ट्यूमर) को निकाल लिया गया. ट्यूमर मरीज की से उसके हृदय की महाधमनी तक पहुंच गया था. ऑपरेशन के दौरान मरीज की जान भी जा सकती थी. लेकिन चिकित्सकों की जूझ-बूझ से ऑपरेशन सफल रहा. डॉक्टरों ने बताया कि दक्षिण 24 परगना के विष्णुपुर निवासी 21 वर्षीय युवती ‘सिस्टिक हाइग्रोमा’ से पीड़ित थी. 2015 में उसने इसकी सर्जरी भी करायी थी, लेकिन तीन महीने पहले समस्या फिर से शुरू हो गयी. पीजी के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के डॉ देवतानु हाजरा ने बताया कि, “ सिस्टिक हाइग्रोमा एक असामान्य ट्यूमर है, जो आमतौर पर जन्म से दो साल की उम्र के बीच के बच्चों में देखा जा सकता है. इसमें एक या अधिक जलीय ट्यूमर होते हैं और धीरे-धीरे आकार में बड़े हो जाते हैं. एक बार इस ट्यूमर के होने से बीमारी के दोबारा लौटने का जोखिम रहता है. डॉ हाजरा ने बताया कि दुनिया भर में इस बीमारी से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या केवल 150 है. हाल ही में इस युवती को पहले पीजी के सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था. जांच से पता चला कि ट्यूमर छाती की हड्डी के पीछे हृदय की महाधमनी के किनारे तक फैल गया है. सर्जरी करने के लिए सीटीवीएस विभाग के डॉक्टरों को भी बुलाया गया था. शीघ्र सर्जरी करने का निर्णय लिया गया. क्योंकि किसी भी वक्त ट्यूमर के फटने, अंदरूनी रक्तस्राव होने पर महाधमनी पर दबाव बनने का खतरा था, जिससे तुरंत मरीज की मौत भी हो सकती थी. डॉ देवतानु, डॉ बिटान चटर्जी, डॉ सब्यसाची बख्शी और सीटीवीएस के प्रो डॉ शांतनु दत्ता, डॉ शिल्पा बसुराई की देखरेख में सर्जरी की गयी. डॉक्टरों ने बताया कि सीने की हड्डी को काटे बिना ही ट्यूमर निकाल लिया गया. सर्जरी के बाद युवती अब स्वस्थ है.

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