कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की डुगडुगी बज चुकी है. दार्जीलिंग जिला की 6 विधानसभा सीटों पर 17 को मतदान कराया जायेगा. 12,22,190 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने 26 फरवरी को यह घोषणा की. इस जिला में 6 विधानसभा सीट हैं, जिसमें वर्ष 2016 में तृणमूल कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी.
तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ सबसे मजबूती से चुनाव लड़ रही भारतीय जनता पार्टी को पिछले विधानसभा चुनाव में दार्जीलिंग जिला की एक सीट पर जीत मिली थी. नीरज तमांग जिंबा ने दार्जीलिंग जिला के दार्जीलिंग विधानसभा क्षेत्र से कमल का फूल खिलाया था.
कांग्रेस को जिले की 2 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी, जबकि माकपा को एक और गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) की एक उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंची थी. जीजेएम की सरिता राई ने कलिम्पोंग विधानसभा सीट पर अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया था.
सिलीगुड़ी में माकपा के अशोक भट्टाचार्य जीते थे, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित एक-एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली थी. माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी (एससी) सीट पर शंकर मालाकार ने कांग्रेस का हाथ मजबूत किया था, तो फांसीदेवा (एसटी) सीट पर सुनील चंद्र तिर्की ने.
पहाड़ को इस बार के चुनाव में ममता बनर्जी काफी महत्व दे रही हैं. विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही उन्होंने चाय बागान के श्रमिकों के लिए कई लुभावने वादे किये हैं. उधर, केंद्र सरकार ने भी चाय बागान श्रमिकों के कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये की परियोजना का आम बजट में प्रावधान किया है.
उल्लेखनीय है कि 295 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों के लिए मतदान कराया जाता है. सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 सीट है. कोई एक पार्टी या कई पार्टियों का समूह गठबंधन के तहत 148 सीटें हासिल करके सरकार बना बनायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha