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CPM की केंद्रीय कमेटी ने अब कहा- बंगाल स्टेट कमेटी ने विधानसभा चुनाव में नहीं की कोई गलती

CPM West Bengal News: CPM केंद्रीय कमेटी के नेताओं ने कहा है कि बंगाल के नेताओं ने जो रणनीति बनायी थी, उसमें थोड़ी-बहुत खामियां रह गयीं थीं. बाकी सब ठीक था.

कोलकाता (नवीन कुमार राय): मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) केंद्रीय कमेटी ने बंगाल चुनाव 2021 में खराब प्रदर्शन करने के लिए बंगाल स्टेट कमेटी (cpim west bengal state committee) को लताड़ लगाने के बाद अब उसका बचाव किया है. बैठक के तीसरे और आखिरी दिन केंद्रीय कमेटी के नेताओं ने माना कि बंगाल के राज्य नेतृत्व ने जो कदम उठाये थे, वे सही थे. विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोई गलती नहीं की. इस बार चुनाव में माकपा एक भी सीट (cpm seats in west bengal 2021) नहीं जीत पायी.

हालांकि, केंद्रीय कमेटी के नेताओं ने कहा है कि बंगाल (cpm west bengal) के नेताओं ने जो रणनीति बनायी थी, उसमें थोड़ी-बहुत खामियां रह गयीं थीं. बाकी सब ठीक था. दूसरी तरफ, अलग-अलग राज्यों के नेताओं ने पार्टी के भीतर तरह-तरह के सवाल उठाये. लेकिन, केंद्रीय कमेटी ने स्पष्ट कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को हराने के लिए कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन का फैसला बिल्कुल सही था.

केंद्रीय नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस और आईएसएफ के साथ लेफ्ट ने जो संयुक्त मोर्चा बनाया था, वह बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ चुनावी समझौता था. इसके बाहर कोई राजनीतिक मोर्चा नहीं है. इसे बंगाल की पृष्ठभूमि से जोड़कर देखना होगा. संयुक्त मोर्चा को अक्सर बंगाल के नेताओं के प्रचार में एक राजनीतिक मोर्चा के रूप में देखा जाता रहा है. इसलिए लोगों को ‘भ्रम’ हुआ है.

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इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कमेटी ने बंगाल में पार्टी की चुनावी रणनीति को मंजूरी दी. बैठक में इसे पारित कर दिया गया है. तीसरे दिन पार्टी के सांगठनिक मुद्दे पर चर्चा हुई और तय हुआ कि जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर छोटे स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को पहल करनी होगी. इसके साथ ही जनता से जुड़ने के लिए राजनीतिक व सामाजिक मुद्दों के साथ लोगों के बीच जाना होगा. अगला पार्टी कांग्रेस केरल के कोन्नूर में होने की संभावना है. इसके बारे में पार्टी के पोलित ब्यूरो में चर्चा होगी.

माकपा की तत्कालीन केंद्रीय कमेटी ने पांच साल पहले विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में कांग्रेस के साथ सीटों पर बातचीत के फैसले को मंजूरी नहीं दी थी. सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कमेटी की समीक्षा रिपोर्ट में राज्य का यह कदम बंगाल माकपा के पक्ष में है. केंद्रीय कमेटी की वर्चुअल बैठक में बंगाल में चुनावी रणनीति को लेकर बहस हुई.

बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करना जरूरी- सीपीएम

चर्चा के आखिरी हिस्से में शनिवार को दो और बंगाली नेताओं ने तर्क दिया था कि उन्होंने यहां कांग्रेस और आईएसएफ के साथ चुनाव (cpim west bengal 2021) क्यों लड़ा. उन्होंने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि संयुक्त मोर्चा के प्रचार में कोई कट्टरपंथी या सांप्रदायिक बयान नहीं था. पांच राज्यों की चुनावी समीक्षा के आधार पर केंद्रीय कमेटी की ओर से तैयार की गयी रिपोर्ट में बंगाल की स्थिति की ‘वास्तविकता’ पर प्रकाश डाला गया है, और इसे स्वीकार कर लिया गया है.

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वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दलों के एकजुट संघर्ष को मजबूत करने की बात हो रही है. कुल मिलाकर केंद्रीय कमेटी का मानना है कि मौजूदा समय में भाजपा ही उनकी मुख्य शत्रु है. लिहाजा, बीजेपी विरोधी पार्टियों को एक मंच पर लाने की हरसंभव कोशिश का सहयोग करना समसामयिक होगा.

Posted By: Mithilesh Jha

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