बंगाल में कोरोना संक्रमण ने तोड़े सारे रिकार्ड, एक दिन में 1088 लोग पॉजिटिव

Coronavirus in Bengal : पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 infection) की रफ्तार ने गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को सारे रिकार्ड तोड़ दिये है. इसके साथ ही यहां रेकवरी रेट में गिरावट होने लगी है. यहां अब रिकवरी रेट 66 से गिरकर 64.93 फीसदी पर पहुंच गयी है. हालांकि, गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को अब तक के सर्वाधिक 1,088 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2020 10:26 PM

Coronavirus in Bengal : कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 infection) की रफ्तार ने गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को सारे रिकार्ड तोड़ दिये है. इसके साथ ही यहां रेकवरी रेट में गिरावट होने लगी है. यहां अब रिकवरी रेट 66 से गिरकर 64.93 फीसदी पर पहुंच गयी है. हालांकि, गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को अब तक के सर्वाधिक 1,088 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं.

बुलेटिन में बताया गया है कि 24 घंटे के दौरान 1088 नये लोग इस महामारी की चपेट में आये हैं, जिसकी वजह से पॉजिटिव लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 25,911 पर पहुंच गयी है. हालांकि, इनमें से 535 लोग एक दिन के अंदर स्वस्थ होकर घर भी लौटे हैं. इसकी वजह से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ कर 16,826 हो गयी है.

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चिंता की बात यह भी है कि पिछले 24 घंटे में 27 लोगों की मौत हुई है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ कर 854 पर पहुंच गयी है. एक्टिव लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़ कर 8,231 पर पहुंची है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कुल 10,805 लोगों के सैंपल जांच किये गये हैं. अब तक कुल 5,83,328 लोगों के नमूने की जांच हुई है, जिनमें से महज 4.44 फीसदी लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये गये हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रिकवरी रेट में कमी चिंता का‌ सबब है. उल्लेखनीय है कि जून महीने में कोरोनावायरस पर लगाम लग गयी थी. करीब 10 दिनों तक स्वस्थ होने वालों की संख्या नियमित पॉजिटिव होने वालों से अधिक रह रही थी और रिकवरी रेट में भी बढ़त बरकरार थी.

एक्टिव लोगों की संख्या घटने लगी थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही हालात सामान्य हो जायेंगे, लेकिन जुलाई महीने में अब संक्रमण नियमित तौर पर बढ़ने लगा है और गुरुवार (9 जुलाई, 2020) को तो आंकड़े 1000 के पार हो गये हैं, जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गयी हैं.

Posted By : Samir ranjan.

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