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Corona Impact : कोरोना से मुक्ति के लिए अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को में रोजाना हो रहा ‘श्री रुद्रम स्तोत्र ’ पाठ

कोलकाता : कोरोना (Corona) वायरस के संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. लॉकडाउन (Lockdown) व सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) के जरिये वायरस से बचने के उपाय किये जा रहे हैं. वहीं, वैज्ञानिक और मेडिकल विशेषज्ञ वायरस से बचाव की दवा लगातार खोज रहे हैं, लेकिन अमेरिका (USA) के सैनफ्रांसिस्को (San Francisco) में पिछले 25 वर्षों से कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके सर्वालांघु परकशन आर्ट सेंटर के मृदंग के छात्र रोजाना शाम को अपने-अपने घरों में आधे घंटे तक ‘श्री रुद्रम स्तोत्र’ (shri Rudram Stotra) का पाठ कर रहे हैं, ताकि विष का पान कर संसार को संकट से मुक्ति दिलाने वाले महादेव कोरोना संकट से विश्व को मुक्ति दिला सकें.

कोलकाता, अजय विद्यार्थी : कोरोना (Corona) वायरस के संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. लॉकडाउन (Lockdown) व सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) के जरिये वायरस से बचने के उपाय किये जा रहे हैं. वहीं, वैज्ञानिक और मेडिकल विशेषज्ञ वायरस से बचाव की दवा लगातार खोज रहे हैं, लेकिन अमेरिका (USA) के सैनफ्रांसिस्को (San Francisco) में पिछले 25 वर्षों से कर्नाटक संगीत के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके सर्वालांघु परकशन आर्ट सेंटर के मृदंग के छात्र रोजाना शाम को अपने-अपने घरों में आधे घंटे तक ‘श्री रुद्रम स्तोत्र’ (shri Rudram Stotra) का पाठ कर रहे हैं, ताकि विष का पान कर संसार को संकट से मुक्ति दिलाने वाले महादेव कोरोना संकट से विश्व को मुक्ति दिला सकें.

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मृदंग बजाकर ‘श्री रुद्रम स्तोत्र’ का पाठ

सर्वालांघु परकशन आर्ट सेंटर के संस्थापक व प्रसिद्ध मृदंग वादक संगीत कलानिधि वेल्लोर जी रामाभद्रन के शिष्य रमेश श्रीनिवासन ने प्रभात खबर को बताया कि प्रत्येक दिन रात 10 बजे से साढ़े दस बजे तक सर्वालांघु परकशन आर्ट सेंटर के छात्र पिछले तीन सप्ताह से अपने-अपने घरों में मृदंग बजाकर ‘श्री रुद्रम स्तोत्र’ का पाठ कर रहे हैं और भगवान शिव से इस संकट से मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. मृदंग वैदिक काल से वाद्य यंत्र रहा है. सामवेद में मृदंग का उल्लेख मिलता है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरासुर का वध करने के बाद भगवान शंकर ने आनंद तांडव किया था. उसमें डमरू की लय तो थी, पर ताल का अनुशासन नहीं था. ऐसे में प्रथम पूज्य गणेश ने मृदंग के माध्यम से तांडव नर्तन को मर्यादा में बांधा था.

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छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा

लय कला रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित श्री निवासन बताते हैं कि अमेरिका का सैनफ्रांसिस्को बे एरिया विश्व के उन शहरों में है, जहां कोरोना का आघात सबसे पहले पड़ा था. यहां ज्यादातर घर पूरी तरह से बंद हैं. लोग अपने घरों में रह रहे हैं. कंपनियों ने लोगों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है. स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बंद हैं. छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. वह बताते हैं कि उत्तर अमेरिका के कई शहरों में उनके छात्र हैं. उन्हें वह ऑनलाइन क्लास दे रहे हैं. चूंकि फिलहाल बच्चे-बड़े सभी घरों में हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, खेलने नहीं जा रहे हैं. उनके पास ज्यादा समय है. वे अधिक से अधिक समय म्यूजिक को दे रहे हैं. शास्त्रीय संगीत से तनाव कम होता है तथा अध्यात्मिक शांति और शक्ति मिलती है. उन्होंने कहा कि अभी सब कुछ ऑनलाइन उपलब्ध है. ऑनलाइन पुस्तकों के साथ-साथ जूम और गूगल टॉक जैसे सोशल प्लेटफार्म हैं, जिनका आपस में बातचीत के लिए लोग इस्तेमाल कर रहे हैं.

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घर पर रहें, सुरक्षित रहें

रमेश श्रीनिवासन कहते हैं कि वर्तमान में पूरा विश्व एक विरल व अप्रत्याशित संकट से गुजर रहा है. हम लोग एक ऐसे संकट से गुजर रहे हैं, जिनका समाधान नहीं है, जिसकी कोई दवा नहीं है. ऐसी स्थिति में हमें मेडिकल विशेषज्ञों की सलाह माननी चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस के हम करियर भी हो सकते हैं. उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है, लेकिन वह दूसरे लिए घातक हो सकता है. इसलिए यह बहुत ही जरूरी है कि हम मेडिकल विशेषज्ञों की सलाह मानें. अपने घर पर रहें और सुरक्षित रहें. हमारे घर में बुजुर्ग और बच्चे हैं, यदि हम घर से बाहर जाते हैं, तो चूंकि प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण खुद पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन जिनकी कम प्रतिरोधक क्षमता है, उनके लिए घातक हो सकता है. आरंभ में कोरोना के संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन बाद में यह बहुत ही घातक होकर उभरता है. संक्रमित व्यक्ति पहले अस्पताल और फिर वेंटिलेशन पर चला जाता है. ऐसे में इससे बचना बहुत ही जरूरी है.

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