बंगाल में ममता और मोदी को मात देने की इस योजना पर कल फिर होगी कांग्रेस-लेफ्ट की बैठक

Bengal Chunav 2021: बैठक में एक-एक सीट पर दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत होगी और उसके बाद यह तय किया जायेगा कि किस सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. यह लगातार दूसरा मौका है, जब कांग्रेस और वाम मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2021 5:06 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी दोनों को मात देने के लिए कांग्रेस और वामदल मिलकर रणनीति बना रहे हैं. हालांकि, दोनों दलों में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है. 101 सीटों पर अब भी पेच फंसा हुआ है. कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन 16 फरवरी को फिर से बैठक करने जा रहे हैं.

बैठक में एक-एक सीट पर दोनों दलों के नेताओं के बीच बातचीत होगी और उसके बाद यह तय किया जायेगा कि किस सीट पर किस पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. यह लगातार दूसरा मौका है, जब कांग्रेस और वाम मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

  • 2016 में भी वाम मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी कांग्रेस

  • मंगलवार को एक बार फिर सीटों के बंटवारे पर होगी बैठक

  • भाजपा और तृणमूल को हराने के लिए एकजुट हो रहे कांग्रेस-लेफ्ट

ममता बनर्जी को पराजित करने के लिए वर्ष 2016 में दोनों दल (कांग्रेस-लेफ्ट) ने मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि, ममता बनर्जी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाये. ममता बनर्जी वर्ष 2011 के चुनाव से ज्यादा सीटें जीतीं और विधानसभा की ट्रेजरी बेंच पर बैठी.

Also Read: पीएम मोदी से पहले बंगाल में माहौल बनाने आ रहे अमित शाह, 18 फरवरी को काकद्वीप में होगा बड़ा कार्यक्रम

एक बार फिर कांग्रेस और वामदल मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हालांकि, सीटों के बंटवारे पर दोनों दलों के बीच अंतिम सहमति नहीं बन पा रही है. दो महीने से दोनों दलों के नेता माथापच्ची कर रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला नहीं ले पा रहे हैं.

उधर, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को हरी झंडी मिलते ही मांग कर दी थी कि लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए.

Also Read: बंगाल में चढ़ा सियासी पारा, अमित शाह-पीएम मोदी हुए सक्रिय, भाजपा से लड़ने और किला बचाने मैदान में उतरीं ममता बनर्जी

एक बार ऐसा लगा था कि कांग्रेस-लेफ्ट का गठबंधन बनने से पहले ही टूट जायेगा. लेकिन दोनों दलों के नेताओं ने परिपक्वता का परिचय दिया और इस मुद्दे को तूल नहीं पकड़ने दिया. अधीर रंजन के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं की वाम मोर्चा के साथ बैठकों का दौर जारी है.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version