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Friday, March 29, 2024

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तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल पहुंचे ईडी कार्यालय, घंटों हुई पूछताछ

पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माणिक भट्टाचार्य के करीबी माने जाने वाले तापस मंडल से घंटो पूछ-ताछ की. गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए ईडी ने पिछले सप्ताह माणिक के करीबी माने जाने वाले व्यवसायी तापस मंडल को पूछ-ताछ के लिए तलब किया था.

पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) के करीबी माने जाने वाले तापस मंडल (Tapas Mandal) से घंटो पूछ-ताछ की. गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए ईडी (ED) ने पिछले सप्ताह माणिक के करीबी माने जाने वाले व्यवसायी तापस मंडल को पूछ-ताछ के लिए तलब किया था. हालांकि, इसके पहले यानी बुधवार को तापस ने ईडी कार्यालय में पत्र के माध्यम से 15 दिनों की मोहलत मांगी थी, जिसे केंद्रीय जांच एजेंसी ने स्वीकार नहीं किया. आखिरकार, गुरुवार को तापस को केंद्रीय जांच एजेंसी के सम्मुख होना ही पड़ा. सूत्रों के अनुसार, उनसे देर शाम तक पूछ-ताछ जारी रही.

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ईडी ने तापस के वित्तीय लेन-देन के बारे जानकारी ली 

सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने तापस के वित्तीय लेन-देन के बारे जानकारी हासिल करने की कोशिश की. साथ ही माणिक के बेटे शौभिक के संस्थान के साथ उनके शिक्षण संस्थानों के बीच किसी करार के बारे में भी केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने सवाल पूछे. हालांकि, पूछ-ताछ को लेकर ईडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. तापस से पूछ-ताछ के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गयी थी. गौरतलब है कि गत शनिवार को ईडी ने व्यवसायी तापस मंडल के कॉलेज स्क्वायर स्थित शिक्षण संस्थान से जुड़े कार्यालय में छापेमारी की थी. पता चला है कि इस कार्यालय में प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य अक्सर आते थे.

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कई संस्थान से हुआ था वित्तीय लेन-देन 

आरोप है कि अक्टूबर 2018 से अप्रैल 2019 के बीच करीब 530 निजी कॉलेजों व शैक्षणिक संस्थानों को आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर 50-50 हजार रुपये लिये गये थे. लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सेवा प्रदान नहीं की गयी. ईडी ने जिन शिक्षण संस्थानों में छापेमारी की थी, संभवत: उनका भी इस संस्थान से संबंध हो सकता है. ईडी इसी बात का पता लगा रही है कि तापस के शिक्षण संस्थानों और ‘मेसर्स एक्योर कंसल्टेंसी सर्विसेस’ के बीच कोई वित्तीय लेन-देन हुआ है या नहीं.

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