कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल की सियासत में कांग्रेस ने अपना स्टैंड पहले ही साफ कर दिया है. कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपना मुख्य शत्रु तो मानती है, लेकिन उसको हराने के लिए वह राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मदद लेने को भी तैयार नहीं है.
इसकी वजह बताते हुए विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान कहते हैं कि इस प्रदेश की राजनीतिक फिजा में सांप्रदायिकता का जहर तृणमूल कांग्रेस ने घोला है. उसी ने अपने स्वार्थ के लिए भाजपा को हाथ पकड़कर पश्चिम बंगाल की सरजमीं पर मजबूत किया है.
इसके अलावा राज्य की गिरती हुई कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद की राजनीति को बढ़ावा देकर वह राज्य की जनता की नजरों से गिर गयी है. लिहाजा, राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ वामपंथी और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस की मदद की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वे कभी भी सत्तारूढ़ दल की मदद नहीं लेंगे, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस को उनकी पार्टी भाजपा विरोधी पार्टी नहीं मानती.
भाजपा से मिलकर लड़ रहे हैं तृणमूल, कांग्रेस, वाम
हालांकि, भाजपा आरोप लगाती है कि एक तरफ वह है, तो दूसरी तरफ उसके खिलाफ वाम दल, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने महागठबंधन बनाया है. इसका भगवा पार्टी जोरदार तरीके से मुकाबला कर रही है.
भाजपा की ही बनेगी सरकार
भाजपा का कहना है कि जनता इन सभी पार्टियों को बारी-बारी से आजमा चुकी है. किसी ने राज्य में विकास नहीं किया. कांग्रेस हो, वामदल हों या तृणमूल कांग्रेस, सभी दलों ने जनता के साथ छल किया है. यही वजह है कि बंगाल के लोग इस बार भाजपा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं और उसे ही सकार बनाने का मौका देगी.
Posted By : Mithilesh Jha