कोलकाता: बीरभूम जिला के रामपुरहाट एक ब्लॉक स्थित बागटुई (Bagtui Violence) गांव में हुए नरसंहार की सीबीआई जांच के बाद अब भादू शेख की हत्या की भी जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग उठी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या की जांच स्थानीय पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका में दावा किया गया है यह मामला बागटुई गांव में 9 लोगों को जिंदा जलाने से जुड़ा है.
21 मार्च को 9 लोगों को जिंदा जला दिया गया था
सभी 9 लोगों को 21 मार्च 2022 को उनके घरों में कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के निर्देश पर बागटुई हिंसा की जांच कर रही सीबीआई (CBI) ने कहा कि अगर अदालत आदेश देगी, तो वह भादू शेख की हत्या (Bhadu Sheikh Murder Case) की जांच करने के लिए भी तैयार है.
सीबीआई ने जांच की प्रगति रिपोर्ट सौंपी
चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस आर भारद्वाज की एक खंडपीठ को जांच एजेंसी ने बागटुई में महिलाओं तथा बच्चों सहित 9 लोगों की मौत के मामले में अपनी जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट सौंपी. याचिकाकर्ताओं में वकील विकास भट्टाचार्य और प्रियंका टिबरेवाल भी शामिल हैं.
सरकारी वकील ने कही ये बात
राज्य सरकार के वकील एसएन मुखर्जी ने अदालत से कहा कि जब तक रिपोर्ट में यह नहीं कहा जाये कि दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध है, तब तक भादू शेख की हत्या की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता है. खंडपीठ ने कहा कि वह रिपोर्ट पर गौर करेगी और उसके बाद अपना आदेश देगी.
केंद्र के वकील ने रखी ये दलील
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने कहा कि सीबीआई भादू शेख हत्या मामले में जांच करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि घटना के कई दिन बीत जाने के कारण कुछ भौतिक सुराग नष्ट हो गये होंगे, हालांकि तकनीकी साक्ष्य मौजूद होंगे.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25 मार्च को आदेश दिया था कि बीरभूम जिला के बागटुई में 21 मार्च को हुई हिंसा की जांच पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को सौंपी जाये. हिंसा में आठ लोगों की जलकर मौत हो गयी थी और एक महिला ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)
Posted By: Mithilesh Jha