कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को एक और झटका लगा है. उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये. नदिया जिला के शांतिपुर के तृणमूल विधायक अरिंदम भट्टाचार्य नयी दिल्ली में कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया.
शांतिपुर के तृणमूल विधायक अरिंदम भट्टाचार्य बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए. अरिंदम भट्टाचार्य ने वर्ष 2016 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था.
चुनाव में वह जीते और बाद में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. चुनाव जीतने के एक वर्ष बाद ही उन्होंने पाला बदल लिया था. अरिंदम भट्टाचार्य का भाजपा में शामिल होना ममता बनर्जी की सरकार के लिए एक और झटका माना जा रहा है.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह राजनीति में कुछ सपने लेकर आये थे. वर्ष 2016 में चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता, लेकिन वह सरकार के काम में बाधा नहीं बनना चाहते थे. इसलिए तृणमूल में शामिल हुए. लेकिन, तृणमूल सरकार ने उनके हाथ-पांव बांध दिये. किसी को काम करने नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि बंगाल आज भ्रष्टाचार के लिए जाना जा रहा है. युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है. युवा फेसबुक पर पोस्ट करके नौकरी मांगते हुए किडनी बेचने की बात कह रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जो भी युवा बंगाल आये, उनकी उम्र 35 वर्ष से कम थी. यह स्पष्ट करता है कि राज्य के युवाओं को बंगाल में काम नहीं मिल रहा है और वे दूसरे राज्यों में जा रहे हैं.
नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ चलना चाहते हैं
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ चलना चाहते हैं. वह उनके नेतृत्व में विश्वास करते हैं और लोगों से आह्वान करते हैं कि सभी भाजपा को समर्थन दें. गौरतलब है कि इससे पहले कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई तृणमूल विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं.
जाने क्यों अरिंदम कहीं काम नहीं कर पाये : तापस राय
तृणमूल विधायक और प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री तापस राय ने कहा कि अरिंदम भट्टाचार्य न जाने क्यों कहीं काम नहीं कर पाये. कांग्रेस में नहीं कर पाये, तो तृणमूल में आ गये. अब तृणमूल से भाजपा में चले गये. पता नहीं वह अन्य किसी पार्टी में थे या नहीं, लेकिन बेहद कम समय में वह तीन-तीन राजनीतिक दल में चले गये.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं. राज्य विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में राजनीतिक उथलपुथल तेज है. अब अरिंदम के भाजपा में शामिल होने से शांतिपुर में भाजपा के और मजबूत होने की उम्मीद है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि दलबदल करने वाले तृणमूल नेताओं को टीएमसी के नेता और कार्यकर्ता विश्वासघाती करार दे रहे हैं. हाल के दिनों में आधा दर्जन से अधिक विधायक तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. एक सांसद भी पाला बदल चुके हैं.
Posted By : Mithilesh Jha