कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव में हिंसा व अशांति की कई राजनीतिक दलों की आशंका के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (सीइसी) सुनील अरोड़ा ने यहां कहा कि निर्वाचन आयोग धनबल व बाहुबल के साथ ही सरकारी तंत्र के दुरुपयोग को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता है.
शुक्रवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री अरोड़ा ने स्पष्ट कहा, ‘आयोग धनबल व बाहुबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता.’ चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ के संबंध में उन्होंने कहा कि आयोग के व्यय पर्यवेक्षक धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठायेंगे.
विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हिंसा होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि राज्य में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हो.
बीएसएफ पर लगे आरोप दुर्भाग्यपूर्ण
श्री अरोड़ा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के खिलाफ एक राजनीतिक दल द्वारा लगाये गये आरोपों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि यह देश के सबसे बेहतरीन बलों में से एक है. उन्होंने आगे कहा कि संबंधित राजनीतिक दल को अपने आरोपों के समर्थन में तथ्यों के साथ आना चाहिए.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीएसएफ राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में वोट डालने के लिए धमका रहा है.
चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव व गृह सचिव को सोशल मीडिया में राजनीतिक दलों की ओर से फर्जी सूचना फैलाने के मुद्दों पर ध्यान देने को कहा. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव व गृह सचिव ने आयोग के निर्देशों का अक्षरश: पालन करने की बात कही है.
Posted By : Mithilesh Jha