36.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

लॉकडाउन के बीच नुकसान से गुजर रही सर्कस कंपनियां, अनिश्चितता के छाये बादल

कोलकाता : कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल में कई लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. इनमें सर्कस के मालिक, प्रस्तुति देने वाले कलाकार और सर्कस के जानवर भी शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर भोजन भंडार और अन्य जरूरी सामग्रियों के घटने के बीच जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

कोलकाता : कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने पश्चिम बंगाल में कई लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. इनमें सर्कस के मालिक, प्रस्तुति देने वाले कलाकार और सर्कस के जानवर भी शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर भोजन भंडार और अन्य जरूरी सामग्रियों के घटने के बीच जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

Also Read: बंगाल में अल्पसंख्यक इलाकों में नहीं हो रहा लॉकडाउन का पालन, स्थिति हो सकती है विस्फोटक : विजयवर्गीय

राज्य भर की सर्कस कंपमियां मार्च के शुरुआत से कारोबार नहीं कर पा रही हैं, जब वैश्विक महामारी का भय प्रबल होना शुरू हुआ था. राज्य के सबसे पुराने अजंता सर्कस के प्रस्तुतकर्ता फिलहाल पश्चिम बंगाल-बिहार सीमा के पास किशनगंज में फंसे हुए हैं, जहां उनके पास भोजन भी कम बचा हुआ है.

Also Read: कोरोना वायरस महामारी के दौरान बांग्लादेश से लगी सीमा पर थम गयी घुसपैठ और तस्करी

अजंता सर्कस के मालिक रबीबुल हक ने कहा, ‘आठ मार्च से हम किशनगंज में फंसे हुए हैं. हम भय फैलने के बाद यहां से निकल नहीं पाये. फिर बंद लागू हो गया है. हर दिन खाने, रख-रखाव और ठहरने में 45,000 रुपये का खर्च आता है. हमने पिछले एक महीने में एक पैसा भी नहीं कमाया है.’

Also Read: कोलकाता की ये इंटीरियर डिजाइनर का देशी अंदाज में कोरोना से बचाव का दिया गया संदेश रहा है वायरल

हक ने कहा कि वह अपने 60 स्टाफ सदस्यों को पूरी तनख्वाह भी नहीं दे पा रहे हैं. सर्कस आमतौर पर एक या दो कार्यक्रम करते हैं. वे हर 10-15 दिन में एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं. कर्मचारियों को 10,000 से 20,000 रुपये के बीच मिलते हैं, जो उनके कौशल और अनुभव पर निर्भर करता है.

Also Read: बंगाल में 24 घंटे में कोरोना के 10 नये मामले, मंगलवार को मात्र 288 नमूनों की हुई जांच

एम्पायर सर्कस जो कि 40 साल पुरानी कंपनी है, वह भी पैसे की कमी से जूझते हुए अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रही है. पिछले 23 दिन से उत्तर 24 परगना के हारोआ प्रखंड में फंसे हुए कर्मचारियों और जानवरों के पास पर्याप्त संसाधन हैं. कंपनी के लिए अच्छी बात यह है कि स्थानीय प्रखंड अधिकारी और पंचायत सदस्य उनके लिए हर दिन भोजन की व्यवस्था कर देते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें