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नवरात्रि के पांचवें दिन दुर्गा पूजा पर आया कलकत्ता हाइकोर्ट का नया आदेश, प्रतिमा दर्शन पर क्या बोले जज

Durga Puja 2020, Navratri, Calcutta High Court, West Bengal News: पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट को देखते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने नवरात्रि के पांचवें दिन एक नया आदेश पारित किया. इसमें भक्तों को पंडालों के अंदर जाकर मां दुर्गा का दर्शन करने पर लगी रोक को हटाने से हाइकोर्ट की खंडपीठ ने इनकार कर दिया. हालांकि, पंडाल में मौजूद रहने वाले आयोजकों की संख्या थोड़ी बढ़ा दी है. बड़े पंडालों में अब अधिकतम 60 जबकि छोटे पंडालों में अधिकतम 15 लोग जा सकेंगे. इसकी सूची पहले ही पुलिस के साथ साझा करनी होगी. साथ ही सूची को पंडाल के बाहर टांगना भी अनिवार्य होगा.

Durga Puja 2020, Navratri, Calcutta High Court: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट को देखते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने नवरात्रि के पांचवें दिन एक नया आदेश पारित किया. इसमें भक्तों को पंडालों के अंदर जाकर मां दुर्गा का दर्शन करने पर लगी रोक को हटाने से हाइकोर्ट की खंडपीठ ने इनकार कर दिया. हालांकि, पंडाल में मौजूद रहने वाले आयोजकों की संख्या थोड़ी बढ़ा दी है. बड़े पंडालों में अब अधिकतम 60 जबकि छोटे पंडालों में अधिकतम 15 लोग जा सकेंगे. इसकी सूची पहले ही पुलिस के साथ साझा करनी होगी. साथ ही सूची को पंडाल के बाहर टांगना भी अनिवार्य होगा.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार (21 अक्टूबर, 2020) को कोलकाता के 400 पूजा आयोजकों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करने के बाद यह आदेश दिया. जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने अपने पुराने आदेश में थोड़ी ढील देते हुए कहा कि आयोजकों को पंडाल में प्रवेश करने वाले लोगों की सूची हर दिन पुलिस को देनी होगी. सुबह 8 बजे इस लिस्ट को पंडाल के बाहर टांग देना होगा.

कोर्ट ने सिर्फ आयोजकों को पंडाल में प्रवेश की छूट दी है. भक्तों यानी दर्शकों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. सभी पूजा पंडाल कंटेनमेंट जोन बने रहेंगे. यानी दर्शन करने वालों को पंडाल में जाने की अनुमति नहीं होगी. 19 अक्टूबर को कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था. कोर्ट ने अपने नये आदेश में कहा है कि पंडाल में सिंदूर खेलने की अनुमति नहीं होगी.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि उन्हीं पूजा पंडालों में 60 लोग जा सकेंगे, जिनका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से ज्यादा होगा. हालांकि, पंडाल में एक वक्त में 45 लोग ही अंदर दाखिल हो सकेंगे. वहीं, छोटे पंडालों में 15 लोगों को अंदर जाने की अनुमति होगी. इससे पहले, कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि पंडाल के अंदर केवल आयोजकों को ही रहने की इजाजत होगी. कोरोना महामारी की वजह से बड़े पंडालों के लिए यह संख्‍या 25 और छोटे पंडालों के लिए 15 सीमित की गयी थी.

कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ ने यह भी कहा था कि हर पूजा पंडाल के पास बैरिकेडिंग करनी होगी. साथ ही प्रवेश निषेध का बोर्ड लगाना भी कोर्ट ने अनिवार्य कर दिया था. कहा था कि छोटे पूजा पंडाल से पांच मीटर व बड़े पूजा पंडाल से 10 मीटर के दायरे के अंदर किसी के भी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक होगी. खंडपीठ ने कहा था कि दर्शनार्थी सिर्फ वर्चुअल माध्यम से ही मां दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन कर पायेंगे.

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सांसद कल्याण बनर्जी की याचिका खारिज

वकील व सांसद कल्याण बनर्जी की याचिका को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान कल्याण बनर्जी ने कलकत्ता हाइकोर्ट के समक्ष विभिन्न चरणों मेें अंजलि, सिंदूर खेला व दशमी उत्सव में शामिल होने की अनुमति देने की अपील की. कहा कि अंजलि के लिए सुबह सात बजे, आठ बजे व नौ बजे तीन चरणों में अलग-अलग लोगों को हिस्सा लेने की अनुमति दी जाये. खंडपीठ ने इस पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया.

Posted By : Mithilesh Jha

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