कोलकाता (नवीन कुमार राय) : वामदलों के साथ गठबंधन (Congress-Left Alliance) को मंजूरी मिलते ही कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) को पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री (Chief Minister) प्रोजेक्ट करने की मांग उठने लगी है. गठबंधन को कांग्रेस आलाकमान की हरी झंडी मिलने के फौरन बाद पुरुलिया जिला के बाघमुंडी से विधायक नेपाल महतो ने ट्वीट किया करके यह मांग कर दी.
कांग्रेस संसदीय दल के उप-नेता ने ट्वीट किया, ‘इस गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर अधीर रंजन चौधरी को पेश किया जाये.’ कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता कह रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य अस्वस्थ हैं. उनके चुनाव लड़ने की संभावना नहीं के बराबर है. ऐसे में बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के जनता के बीच जाना सही नहीं होगा.
पार्टी का कहना है कि चूंकि इस बार कांग्रेस-वाममोर्चा मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसलिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में अधीर रंजन चौधरी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें बंगाल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए. हालांकि, वामदलों के नेता कह रहे हैं कि गठबंधन पर चर्चा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी सही नहीं है.
ऐसा करने से गठबंधन की पूरी प्रक्रिया ही बेपटरी हो जायेगी. इसलिए एक वामपंथी नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस में सत्तारूढ़ दल को अभी मुख्यमंत्री के पद की मांग करने से बचना चाहिए. इस संदर्भ में, कई लोगों ने वर्ष 2019 को याद कराया. लोकसभा चुनावों के दौरान रायगंज और मुर्शिदाबाद सीट पर कांग्रेस की जिद की वजह से गठबंधन टूट गया था.
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा, ‘जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अगले विधानसभा चुनाव में गठबंधन का फैसला करती है, तो मुख्यमंत्री पद का मुद्दा उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर पार्टी और गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
वाममोर्चा ने ट्वीट को किया नजरअंदाज
कांग्रेस विधायक नेपाल महतो के ट्वीट पर वाममोर्चा ने कहा कि वह इस पर अभी ध्यान नहीं दे रहा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव स्वपन बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘ऐसे किसी नाम पर कभी चर्चा नहीं हुई. हम इस तरह मुख्यमंत्री पेश करने और वोट के लिए लड़ने के पक्ष में नहीं हैं. जो कहा गया है वह आधिकारिक नहीं है.’
बालूरघाट के वरिष्ठ विधायक और आरएसपी के राज्य सचिव बिश्वनाथ चौधरी ने कहा, ‘कई लोग कई मांगें करते हैं. ये मांगें अभी वास्तविक नहीं हैं. इसलिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में कांग्रेस विधायक ने जो कहा है, वह उनकी निजी राय हो सकती है. कांग्रेस के साथ हमारी बातचीत में मुख्यमंत्री के पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.’
अधीर के करीबी ने किया है ट्वीट
फॉरवर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव नरेन चटर्जी ने कहा, ‘मैं इसके बारे में कुछ नहीं कहूंगा.’ वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बसु ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. संयोग से, बाघमंडी के विधायक द्वारा किये गये ट्वीट को अधीर रंजन चौधरी से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में अधीर के करीबी के रूप में उन्हें जाना जाता है.
वामदलों पर दबाव बनाने की कांग्रेस की रणनीति
इसलिए यह माना जाता है कि ट्वीट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खेमे से ऐसी मांग उठायी जा रही है. बहरामपुर के पांच बार के सांसद अधीर के अनुयायी शुरू से ही वाममोर्चा पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि ‘लीडर ऑफ लीडर्स’ को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा सके और कांग्रेस को गठबंधन में अधिक से अधिक सीटें मिल सकें.
Posted By : Mithilesh Jha