29 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बारुईपुर स्टेशन पर मथुरा जैसे हालात, बाल-बाल बचे रेल अधिकारी

रेल अधिकारियों को लात-घूंसों से पीटा फोर्स को देखते ही उपद्रवियों ने की बमबाजी कोलकाता : सियालदह मंडल के बारुईपुर स्टेशन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे आरपीएफ और रेलकर्मियों पर हॉकरों के एक समूह ने हमला बोल दिया. जमकर पथराव किया गया. तोड़फोड़ की गयी. रेल अधिकारियों को लात-घूंसों से पीटा गया. अभी हाल में उत्तर […]

रेल अधिकारियों को लात-घूंसों से पीटा फोर्स को देखते ही उपद्रवियों ने की बमबाजी
कोलकाता : सियालदह मंडल के बारुईपुर स्टेशन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे आरपीएफ और रेलकर्मियों पर हॉकरों के एक समूह ने हमला बोल दिया. जमकर पथराव किया गया. तोड़फोड़ की गयी.
रेल अधिकारियों को लात-घूंसों से पीटा गया. अभी हाल में उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुई घटना जैसे हालात बन गये. रेल अधिकारियों ने किसी तरह अपनी जान बचायी. हालांकि घटना में सोनारपुर रेलवे स्टेशन के इंजीनियर कमल घोष और अन्य तीन रेलकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये.
घटना में कुछ पत्रकार और फोटोग्राफर भी घायल हुए हैं. घायलों को अस्पताल में भरती कराया गया है. उपद्रवियों ने सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया. काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया गया. िवरोध के चलते अतिक्रमण हटाओ अभियान बीच में ही छोड़ दिया गया. उधर, राज्य सरकार ने घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की है. राज्य सरकार ने कहा है िक रेलवे को ऐसे अभियान चलाने से पहले उससे (राज्य सरकार) इजाजत लेनी होगी.
जानकारी के अनुसार, शनिवार को जब आरपीएफ और रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के कर्मियों ने बारुईपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या दो और तीन पर बैठे अवैध हॉकरों को हटाना शुरू किया तो हॉकरों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. िववाद बढ़ा और प्रदर्शनकारी पथराव करने लगे. पूरा स्टेशन रणक्षेत्र में बदल गया. उपद्रवियों ने इसी दौरान दो बम भी फेंके.
रेलवे अधिकारियों का कहना था कि हॉकरों ने आरपीएफ पोस्ट कार्यालय, टिकट बुकिंग काउंटर तथा प्लेटफॉर्मों में जमकर तोड़फोड़ की. सियालदह रेलवे राजकीय पुलिस के अधीक्षक देवाशीष बेज ने बताया कि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. महाप्रबंधक आशीष कुमार गोयल ने कहा कि स्टेशन मुख्य रूप से यात्रियों के लिए होता है लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए रेलवे स्टेशनों को बाजार बना रहे हैं. स्टेशनों को अवैध हॉकर मुक्त करने का अभियान चलता रहेगा.
अवैध हॉकरों पर होगी कार्रवाई : पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रवि महापात्रा ने बताया कि महाप्रबंधक घटना पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने आरपीएफ और वाणिज्यिक अधिकारी से तथ्यों की जानकारी ली और जरूरी निर्देश दिये हैं. महापात्रा ने कहा कि किसी भी अवैध हॉकर को स्टेशन क्षेत्र में सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उपद्रवियों के खिलाफ रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारियों पर हमले से संबंधित प्राथमिकी जीआरपी में दर्ज करायी गयी है. हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
हॉकरों का दावा : उधर, हॉकरों का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के बारे में रेलवे ने उन्हें किसी प्रकार की जानकारी पहले नहीं दी. शनिवार सुबह रेल अधिकारी बड़ी संख्या में आरपीएफ कर्मियों को लेकर आये और अचानक बारुईपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म से हॉकरों को हटाने लगे. उन्होंने आरपीएफ पर पिटाई करने का भी आरोप लगाया. उनका आरोप था कि हजारों रुपये की खाद्य सामग्री आरपीएफ ने नष्ट कर दी.
क्या है मामला: गौरतलब है कि कुछ महीनों से सियालदह, हावड़ा और आसनसोल मंडल में अवैध हॉकरों को हटाने के लिए रेलवे का अभियान चल रहा है. इसके खिलाफ हॉकर भी समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच टकराव का माहौल बना रहता है. शनिवार को भी जब बारुईपुर स्टेशन पर आरपीएफ और मंडल के इंजीनियर पहुंचे तो बड़ी संख्या में हॉकर जमा हो गये और हंगामा शुरू कर दिया. अधिकारियों ने हॉकरों को उन्हें समझाना शुरू किया.
इस बीच बड़ी संख्या में हॉकर तृणमूल के झंडे लेकर स्टेशन पर जमा हो गये और हंगामा और बढ़ गया. घटना के वक्त स्टेशन पर बारुईपुर-सियालदह लोकल खड़ी थी. पथराव के चलते ट्रेन के अंदर बैठे यात्री भी फंस गये. किसी तरह खिड़कियां बंद करा कर ट्रेन को रवाना किया गया.
राज्य सरकार ने रेलवे से मांगा जवाब
कोलकाता. अब रेलवे काे अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाने से पहले राज्य सरकार की इजाजत लेनी होगी. बारुईपुर में हॉकरों और आरपीएफ के बीच अतिक्रमण हटाने के लिए चलाये गये अभियान के दौरान हुए हंगामे के बाद राज्य सरकार ने रेलवे और मेट्रो रेल प्रशासन को पत्र लिख कर कहा है कि भविष्य में अभियान चलाने से पहले उसे अग्रिम जानकारी देनी होगी. राज्य सचिवालय ‘नवान्न’ में एडीजी (कानून-व्यवस्था) अनुज शर्मा ने कहा कि हमने रेलवे को अभियान चलाने से मना किया था. इसके बावजूद रेलवे ने अभियान चलाया.
फलस्वरूप इस तरह की विस्फोटक स्थिति उत्पन्न हुई. उन्होंने कहा कि मना करने के बावजूद रेलवे ने अभियान क्यों चलाया, इसके बारे में रेलवे से जवाब तलब किया जायेगा. रेलवे ने स्थिति का पहले से अंदाजा नहीं था. उधर, रेलवे का दावा है कि इस संबंध में एक पत्र लिख कर प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें