कोलकाता: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में कानून व व्यवस्था की स्थिति पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार की जरूरत है.
एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि देशी बम बनाये जाने संबंधी रिपोर्ट ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) एक स्वायत्त संस्था है और अपना काम कर रही है. परंतु जहां तक पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति की बात है तो वह चिंता का विषय है. हमारा मानना है कि इसमें सुधार होना चाहिए.
बाद में बड़ाबाजार के सत्यनारायण पार्क में भाजपा की ओर से आयोजित एक सभा में उन्होंने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले नहीं होने चाहिए. राजनीति लोकतंत्र पर आधारित होनी चाहिए. ऐसे हमलों को रोकना राज्य सरकार का काम है. हिंसा का स्थान स्वस्थ राजनीति में नहीं होना चाहिए. हिंसा का सहारा लेकर सत्ता में नहीं बना रहा जा सकता. वह दिन दूर नहीं जब पश्चिम बंगाल में भाजपा का शासन होगा. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार और विकास की खातिर राज्य सरकार को सभी तरह से सहयोग का भरोसा दिया गया है. बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर श्री सिंह की ओर से आलोचना उस वक्त की गयी है जब विपक्ष ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र की भाजपा नीत सरकार के बीच नजदीकी बढ़ने का आरोप लगाया है. जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसे कट्टरपंथी संगठनों के बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के एक धड़े की मदद से अपने पैर पसारने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसी गतिविधियों से निपटने के लिए राज्य सरकार को सभी तरह की मदद मुहैया करायेगी.
राजनाथ ने पार्टी के नेता की तरह बयान दिया है: पार्थ
कोलकाता. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की राज्य की कानून व्यवस्था के संबंध में टिप्पणी पर एतराज जताते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री व तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि श्री सिंह ने केंद्रीय मंत्री के बजाय एक पार्टी नेता की तरह बयान दिया है. श्री चटर्जी ने कहा कि राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्री के बजाय पार्टी नेता की तरह बोल रहे हैं. क्या वह पार्टी के कार्यकर्ताओं को खुश करने की कोशिश कर रहे थे. चटर्जी ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति अन्य राज्यों से कहीं बेहतर है. श्री चटर्जी ने तीस्ता जल बंटवारे के संबंध में श्री सिंह की टिप्पणी की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. राज्य सरकार से चर्चा किये बगैर ऐसा बयान देना सही नहीं है.