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Shocking: कलियुगी मां ने पार की निर्दयता की हद, 2 महीने की बच्ची को मारकर मैनहोल में फेंका

कोलकाता की रहनेवाली एक महिलाने अपनीदो महीने की बच्ची की हत्या कर शव को मैनहॉल में फेंक दिया. बेलियाघाटा थानांतर्गत सीआईटी रोड इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट में रहनेवाली अभियुक्त संध्या मालू को इस जुर्म के लिए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मृत बच्ची का नाम सनाया मालू है. पुलिस ने बताया कि रविवार […]

कोलकाता की रहनेवाली एक महिलाने अपनीदो महीने की बच्ची की हत्या कर शव को मैनहॉल में फेंक दिया. बेलियाघाटा थानांतर्गत सीआईटी रोड इलाके में स्थित एक अपार्टमेंट में रहनेवाली अभियुक्त संध्या मालू को इस जुर्म के लिए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

मृत बच्ची का नाम सनाया मालू है. पुलिस ने बताया कि रविवार को संध्या ने बच्ची की हत्या की और उसे अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर में स्थित एक खाली मैनहोल में फेंक दिया. यही नहीं, महिला ने पुलिस से बचने के लिए अपनी बच्ची की अपहरण की झूठी शिकायत दर्ज करायी.

बचने के लिए रची झूठी कहानी
संध्या मालू ने पुलिस को बताया कि 12.30 से 1 बजे के बीच कोई अज्ञात युवक उसे घायल कर उसकी बच्ची को उठा ले गया. उस दौरान बच्ची की आया टुम्पा दास छत पर थी. उसने बताया कि एक युवक उसकी दूसरी मंजिल स्थित फ्लैट का बेल बजाया और उससे छत पर जाने के लिए चाबी मांगी.

वह जब चाबी देने गयी तब उसने उसका सिर दीवार पर मार दिया, जिससे वह बेहोश हो गयी और उसी दौरान उसकी बच्ची का अपहरण कर वह अज्ञात युवक फरार हो गया. इसके बाद जब उसके ससुर घर पर आये, तो देखा कि बच्ची कमरे में नहीं है.

ससुर हेमंत मालू ने बहू की झूठी घटना पर भरोसा कर थाने में घटना की शिकायत दर्ज करायी. शिकायत मिलने के बाद बेलियाघाटा थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गयी.

घर के हर सदस्य से हुई पूछताछ
पुलिस ने बताया कि घर के हर सदस्य से पूछताछ की गयी. संध्या के पति एक निजी ऑफिस में काम करते हैं, जबकि उसके ससुर प्रमोटर हैं. घर आर्थिक दृष्टि से संपन्न है. संध्या का पहले से ही 9 साल का एक बेटा है.

उसके ससुरालवालों का कहना है कि बच्ची के जन्म के बाद से घर में खुशियों का माहौल था. फरवरी में बच्ची के जन्म को लेकर कार्यक्रम आयोजन किया जाना था. वहीं पुलिस ने जब संध्या से पूछताछ की तो संध्या के चेहरे पर कोई दर्द नहीं झलक रहा था और ना ही कोई शिकन थी. पुलिस का शक गहरा रहा था.

ऐसे पकड़ी गयी
पुलिस ने दो तथ्यों पर गौर किया और जब इनपर संध्या से पूछताछ की, तो वह टूट गयी. पुलिस ने पहले तथ्य पर उससे पूछा कि अगर उससे युवक ने छत की चाबी मांगी, तो उसे कहना चाहिए था कि छत का गेट खुला हुआ है क्योंकि बच्ची की आया छत पर ही थी. दूसरायहकि जब संध्या का सिर दीवार से मारा गया तब उसका चश्मा क्यों नहीं टूटा.

इन तथ्यों पर प्रश्‍न करते ही संध्या रोने लगी और स्वीकार कर लिया कि उसने ही अपनी बेटी की हत्या की. शव को प्लास्टिक में भरकर मैनहोल में फेंका और फिर उसका मुंह बंद कर दिया. संध्या को साथ लेकर पुलिस ने शव बरामद किया.

बड़ी निर्दयता से दिया घटना को अंजाम
पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला कि संध्या ने बड़े ठंडे दिमाग से घटना को अंजाम दिया है. उसने पहले बच्ची के मुंह पर प्लास्टिक भर दिया और ल्यूकोप्लास्ट लगा दिया, ताकि उसके रोने की आवाज नहीं आये. इसके बाद उसका गला दबा दिया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्राथमिक राय के अनुसार, दम घुटने से उसकी मौत हुई है और मरने के बाद भी संध्या ने उसका गला दबाया था.

क्या कहती है पुलिस?
घटना का कारण पता नहीं चल पाया है. घटना की वजह जानने के लिए पुलिस मनोचिकित्सक से मदद लेगी. उसके परिजनों से पूछताछ में भी पता चला कि संध्या पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था. फिर भी उसने यह कृत्य किया. संध्या को सोमवार को सियालदह कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 4 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

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