कोलकाता : केंद्रीय स्टील व पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2020 में ही वह कोलकाता में घर-घर में गैस पाइपलाइन के जरिये पहुंचा देंगे. इसके लिए उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सहयोग की मांग की. भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स की 119वीं सालाना आम बैठक में पहुंचे श्री प्रधान ने कहा कि इसी वर्ष वह पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा पाइपलाइन के जरिये गैस पहुंचाने में सक्षम होंगे.
12 हजार करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य किया जायेगा. श्री प्रधान ने कहा कि ‘दीदी’ गैस पाइपलाइन को आने दें. उनका कहना था कि कोलकाता में एक वर्ष के भीतर ही पाइपलाइन के जरिये गैस पहुंचायी जा सकेगी. ऑटो रिक्शा को सीएनजी मुहैया करना संभव हो सकेगा. इससे ऑटो मालिकों को करीब तीन हजार रुपये की बचत होगी. इस संबंध में वह कोई राजनीति नहीं चाहते. इसके लिए उन्हें दीदी की मदद चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार की योजना बांग्लादेश तक गैस पहुंचाने की है. उत्तर पूर्व में गैस का अपार भंडार है. 9500 करोड़ की लागत से उत्तर पूर्व, सिक्किम, दार्जिलिंग सहित आठ राज्यों में ‘इंद्रधनुष’ गैस परियोजना के जरिये गैस पहुंचायी जा सकेगी. कुल खर्च में से चार हजार करोड़ रुपये तेल कंपनियां वहन करेंगी और 5500 करोड़ रुपये केंद्र वहन करेगी.
श्री प्रधान ने कहा कि पूर्वी भारत के विकास से ही देश का विकास संभव है. आधारभूत ढांचे के विकास के लिए सरकार की योजना 100 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की है. इसमें से आधा पूर्वी भारत में होगा. देश के जिन 115 जिलों को विकास के लिए चिह्नित किया गया है उनमें से 58 पूर्वी भारत में हैं.
श्री प्रधान ने कहा कि स्टील की कीमतों को कम करने के लिए योजना बनाने के लिए उन्होंने नीति आयोग से कहा है. एजीएम में स्वागत भाषण चेंबर के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने दिया. मौके पर स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी भी उपस्थित थे.