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जेयू घटनाक्रम : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जतायी निराशा, कहा – चरमरा गयी है कानून व्यवस्था

कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में हुए घटनाक्रमों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को ट्वीट किया : विरोध लोकतंत्र का अमूल्य उपहार है. विरोध प्रदर्शन तब दागदार हो जाता है, जब यह असहिष्णुता में बदल जाता है और शांतिपूर्ण माहौल को खराब कर देता है.उन्होंने कहा कि यहां की कानून-व्यवस्था […]

कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में हुए घटनाक्रमों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को ट्वीट किया : विरोध लोकतंत्र का अमूल्य उपहार है. विरोध प्रदर्शन तब दागदार हो जाता है, जब यह असहिष्णुता में बदल जाता है और शांतिपूर्ण माहौल को खराब कर देता है.उन्होंने कहा कि यहां की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी है. कुलपति को अपने दायित्वों का निर्वहन करने की अनुमति नहीं है. किस प्रकार के समूह ने यहां की कानून-व्यवस्था को बीमार बना दिया है.

जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने किया कुलाधिपति को ‘निष्कासित’ करने का फैसला
कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ टकराव के रास्ते पर चलते हुए जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून पर उनके रुख समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध स्वरूप सांकेतिक रूप से उन्हें कुलाधिपति के रूप में ‘निष्कासित’ करने का फैसला किया है.
गत 24 दिसंबर को राजभवन को किये एक इमेल में कला संकाय छात्र संघ (एएफएसयू) ने इसमें लिखा था : महोदय, हमारे परिसर में आपका स्वागत नहीं है. इसी दिन प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने से धनखड़ को रोका था.
मेल में ‘विभिन्न समसामयिक मुद्दों’ पर राज्यपाल के विचारों का विरोध किया गया है. इसमें कहा गया है : जैसा कि आप एक निष्पक्ष संवैधानिक प्रमुख की तरह काम नहीं करते हैं और आपका रवैया छात्रों के प्रति संरक्षक की तरह नहीं है, इसलिए आपका हमारे परिसर में बिल्कुल भी स्वागत नहीं है.
एएफएसयू की नेता उषाशी पॉल ने गुरुवार को कहा कि छात्र संगठन अब उनके कामकाज पर एक ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार कर रहा है और एक ‘खुला पत्र’ संलग्न करेगा जहां हम विश्वविद्यालय जैसे एक प्रमुख संस्थान के कुलाधिपति के रूप में सांकेतिक तौर पर उन्हें निष्कासित करेंगे.
पॉल ने कहा कि खुले पत्र में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर हमले को लेकर किये गये सवालों पर उनके ‘असंतोषजनक’ जवाब थे. साथ ही संशोधित नागरिकता कानून पर उनका समर्थन और उत्तर प्रदेश में कथित पुलिस गोलीबारी में प्रदर्शनकारियों की मौतों पर ‘चुप्पी’ का विरोध किया जायेगा.
जब इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए जेयू के कुलपति सुरंजन दास से संपर्क किया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. उनको कई बार फोन लगाया गया, लेकिन वह फोन नहीं उठाया गया. राज्य में नये नागरिकता कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बीच श्री धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘असंवैधानिक और भड़काऊ कार्रवाई’ में लिप्त होने के बजाय कानून व व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी.
शतवार्षिकी कार्यक्रम में राज्यपाल से नहीं आने का अनुरोध
खड़गपुर. पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत पिंगला इलाके में स्थित बागनाबाड हाइस्कूल के सौ वर्ष पूर्ति के उपलक्ष्य पर 27 दिसंबर को होनेवाले कार्यक्रम में राज्य के राज्यपाल जगदीश धनखड़ भी आनेवाले थे. लेकिन स्कूल कमिटी ने राज्यपाल के आगमन पर पाबंदी लगा दी है, जिससे स्कूल प्रशासन को राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर उन्हें ना आने के लिए अनुरोध किया गया है.
स्कूल कमिटी के सदस्य चंडीचरण का कहना है कि राज्य में एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दे पर खूब राजनीति और हिंसा हो रही है. हम लोग स्कूल के शत वार्षिकी कार्यक्रम को शांतिपूर्वक पूरी करना चाहते हैं. राज्यपाल के आगमान को लेकर माहौल गर्म हो सकता है, इसलिए राज्यपाल को ना आने का अनुरोध किया गया है.
वहीं, स्कूल के प्रधानाध्यापक सुशांत भौमिक का कहना है कि कार्यक्रम के शेड्यूल को लेकर समस्या थी. उनके पास रिशेड्यूल के लिए समय नहीं था. इसलिए वह नहीं आ पाएंगे. वहीं, इस मामले को लेकर भाजपा नेता काशीनाथ बोस ने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल शिक्षा और सांस्कृति के साथ भी राजनीतिक खेल खेलना शुरू कर दिया है.

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