उत्तर बंगाल और असम जानेवाली ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गयी हैं.
राज्यभर में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अफवाह फैलाने के मामले में 600 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये गये हैं.
कोलकाता : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को राज्य में हिंसा की कोई ताजा घटना होने की सूचना नहीं है. शुक्रवार दोपहर में एक खास समुदाय के धार्मिक जमावड़े को देखते हुए राज्य के कई हिस्सों में सतर्कता बढ़ा दी गयी थी. कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों ने शहर के कई पुलिस संभाग में स्थानीय सामुदायिक नेताओं से मुलाकात की. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में 13 से 17 दिसंबर के बीच हिंसक प्रदर्शन हुए थे.
राज्य में पूर्व रेलवे क्षेत्र में हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए कई ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं, हालांकि कोलकाता से उत्तर बंगाल और असम जानेवाली ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से बहाल कर दी गयी हैं. राज्य सरकार ने गुरुवार को दक्षिण 24 परगना जिले में बारूईपुर और कैनिंग के अलावा हावड़ा में इंटरनेट सेवा बहाल करने को मंजूरी दे दी थी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर 24 परगना के मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तर दिनाजपुर जिला और बशीरहाट, बारासात में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बहाल करने के बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा. आरोप है कि अघोषित तौर पर कोलकाता के कुछ इलाकों में शुक्रवार को कुछ देर के लिए इंटरनेट सेवा रोक दी गयी थी. राज्यभर में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अफवाह फैलाने के मामले में अब तक 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (1) अतिरिक्त प्रभार (मुख्यालय) जावेद शमीम ने कहा कि शुक्रवार को महानगर के कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क बंद होने की लोग शिकायत कर रहे थे. शहर के कुछ इलाकों में इंटरनेट भी काम नहीं करने की शिकायत मिल रही थी.
कोलकाता पुलिस के कंट्रोल रूम में इस तरह की शिकायत लेकर असंख्य लोगों ने फोन किया, लेकिन कोलकाता पुलिस की तरफ से किसी भी इलाके में इंटरनेट बंद नहीं किये जाने की जानकारी दी गयी. सुबह से जो भी नेटवर्क की समस्या देखी गयी, वह मोबाइल कंपनियों की समस्या थी, पुलिस द्वारा किसी भी इलाके में इंटरनेट बंद नहीं किये जाने की जानकारी लोगों को दी गयी.