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काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर चिकित्सा सेवाएं हुईं सामान्य

एनआरएस और आरआईओ में नहीं हुए 959 ऑपरेशन कोलकाता : सप्ताह भर चली हड़ताल के बाद राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में मंगलवार को जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आये, जिससे मरीजों को राहत मिली. इस हड़ताल के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गयी थीं. राज्य में सभी 14 मेडिकल कॉलेज और […]

एनआरएस और आरआईओ में नहीं हुए 959 ऑपरेशन

कोलकाता : सप्ताह भर चली हड़ताल के बाद राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में मंगलवार को जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आये, जिससे मरीजों को राहत मिली. इस हड़ताल के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गयी थीं. राज्य में सभी 14 मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों ने काम करना शुरू कर दिया है. ओपीडी, इनडोर एवं अन्य विभागों में सामान्य कामकाज बहाल हो गया है. हड़ताल के बाद दोबारा खुलने के बाद एसएसकेएम (पीजी) हॉस्पिटल को छोड़ कर महानगर में अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों की संख्या कम रही है.
जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का केंद्र रहे नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज के आउटडोर में मंगलवार को लगभग 2040 मरीज पहुंचे थे. इनमें महिला मरीजों की संख्या 730 थी, जबकि 1400 नये मरीज थे. वहीं मंगलवार को दोपहर दो बजे तक करीब 190 मरीजों को अस्पताल में भरती लिया गया. अस्पताल सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल के जनरल मेडिसीन विभाग में नये-पुराने कुल 236 मरीज पहुंचे थे, जबकि कार्डियोलॉजी विभाग में लगभग 111 मरीज पहुंचे. चेस्ट मेडिसीन विभाग में लगभग 98 मरीज, थैलेसीमिया (स्पेशल क्लिनिक) में लगभग 112 मरीज पहुंचे. जबकि डॉ आर अहमद मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में 374 मरीज आउटडोर में पहुंचे थे. आम तौर 700-800 मरीज ही रोज पहुंचते हैं.
हड़ताल के दौरान इनडोर विभाग की स्थिति
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एनआरएस की स्वस्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी थी. यहां के चिकित्सक गत सोमवार मध्य रात्रि से हड़ताल पर थे, ऐसे में गत सोमवार अस्पताल के इनडोर विभाग में जहां 345 लोगों को भर्ती लिया गया था, वहीं हड़ताल के दौरान गत मंगलवार को मात्र 17 मरीज अस्पताल में भर्ती कराये गये थे, जबकि 12 व 13 जून को एक भी मरीज को भरती नहीं लिया गया. वहीं गत शुक्रवार को मात्र 3 व शनिवार को 10 मरीजों को अस्पताल में भर्ती लिया गया. इसके बाद रविवार को 23 व सोमवार को 44 मरीजों को भर्ती लिया गया था. अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि आम तौर पर अस्पताल के आउटडोर में प्रतिदिन पांच से छह हजार मरीज पहुंचते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण एनआरएस मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी थी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन 50 से 52 सर्जरी होती है. लेकिन हड़ताल के चलते ओटी भी लगभग ठप था. 11 से 17 जून के दौरान एक या दो मरीजों की ही सर्जरी हो पायी थी. पहले से तय लगभग 364 मरीजों की सर्जरी नहीं हो सकी.
हड़ताल के दौरार ई टिकट वाले मरीजों की हुई चिकित्सा
कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक प्रो. डॉ इंद्रनील विश्वास ने बताया कि हड़ताल के चलते अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. हालांकि सीनियर डॉक्टरों की मदद से आउटडोर व इमरजेंसी विभाग को कुछ हद कर सक्रिया रखा गया था. वहीं ई टिकट लेकर अस्ताल पहुंचने वाले मरीजों काफी सहूलियत मिली. सीनियर डॉक्टर अस्पताल के इनडोर विभाग में भी सेवा दे रहे थे. उन्होंने बताया कि आम तौर अस्पताल के आउटडोर में प्रतिदिन छह हजार मरीज पहुंचे हैं, जबकि मंगलवार को आउटडोर में मरीजों की संख्या 50 फीसदी से भी कम रही, क्योंकि गांवों में रहनेवाले अधिकतर लोगों तक हड़ताल खत्म होने की सूचना नहीं पहुंची है.

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