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बंगाल : दो साल की शांति के बाद फिर गरमाया पहाड़ का माहौल, विनय गुट के नेता की गाड़ी पर हमला

– बाल-बाल बचे कोषाध्यक्ष अशित राई – विमल और भाजपा समर्थकों पर लगा आरोप – गोजमुमो नेताओं ने दिया थाने में धरना कालिम्पोंग : अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर हुए आंदोलन के करीब दो साल बाद दार्जिलिंग पहाड़ का माहौल एक बार फिर गरमा गया है. लोकसभा चुनाव के बाद कालिम्पोंग में हिंसा […]

– बाल-बाल बचे कोषाध्यक्ष अशित राई

– विमल और भाजपा समर्थकों पर लगा आरोप

– गोजमुमो नेताओं ने दिया थाने में धरना

कालिम्पोंग : अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर हुए आंदोलन के करीब दो साल बाद दार्जिलिंग पहाड़ का माहौल एक बार फिर गरमा गया है. लोकसभा चुनाव के बाद कालिम्पोंग में हिंसा की शुरुआत हो गयी. शुक्रवार को गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा (विनय गुट) के कालिम्पोंग कोषाध्यक्ष अशित राई की गाड़ी पर हमला किया गया. इस हमले में गोजयुमो नेता बाल-बाल बच गये, लेकिन उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया.

मिली जानकारी के अनुसार गोजयुमो नेता अशित राई अपने कार से कालिम्पोंग बाजार की ओर जा रहे थे. उसी दौरान होम्स फाटक के पास स्थित बंगाली गोलाई में दोपहर अचानक कुछ बदमाशों ने उनकी गाड़ी पर पत्थर व रॉड से ताबड़तोड़ हमला बोल दिया. गाड़ी स्वयं गोजयुमो नेता अशित राई चला रहे थे. जब तक अशित कुछ समझ पाते तब तक हमलावरों ने लगातार प्रहार कर गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया व फरार हो गये. इस हमले में अशित राई बाल-बाल बच गये.

लोकसभा चुनाव के बाद जिले में हिंसा का दौरा शुरू हो गया है. मतदान के दिन जहां बीजेपी के चुनावी एजेंट की गाड़ी में तोड़फोड़ की गयी थी. उसके बाद गोजयुमो के कोषाध्यक्ष पर दूसरे दिन ही हमला कर दिया गया. घटना की जानकारी मिलते ही गोजमुमो पार्टी के केंद्रीय समिति नेता रुदेन लेप्चा, विनय घीसिंग, अमीर बस्नेत, ईमान चामलिंग आदि तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गये. वाहन के आगे-पीछे समेत दोनों ओर से शीशों को तोड़ दिया गया.

इसके बाद सभी गोजमुमो नेता थाना पहुंचे व प्राथमिकी दर्ज कराया. थाना पहुंचने के बाद गोजमुमो नेताओं ने घटना में शामिल असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाना परिसर में कुछ देर तक धरना दिया. इसके बाद आक्रोशित मोर्चा समर्थकों ने शहर के डम्बर चौक परिसर में पोस्टरिंग की. पोस्टर में गोजमुमो (विमल गुट) एवं बीजेपी के स्थानीय नेताओं पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है. पोस्टर में विमल गुट के तोपडेन भूटिया, शुभ प्रधान, वंदना योंजन, विजय सुंदास आदि पर पहाड़ एवं कालिम्पोंग में अशांति फैलाने का आरोप लगाया.

चुनाव की घोषणा के बाद सक्रिय हुए विमल समर्थक

दार्जिलिंग लोकसभा चुनाव ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विमल गुट समर्थकों के लिए औषधि का काम किया है. 2017 में हुए आंदोलन के बाद मोर्चा नेता विमल गुरूंग राज्य सरकार की गिरफ्तारी के भय से लगातार भूमिगत हैं. विमल गुरूंग के भूमिगत होने के बाद उनके समर्थकों का मनोबल टूट गया था. भाजपा के निर्वतमान सांसद एसएस अहलूवालिया समेत राज्य स्तरीय नेताओं ने भी पहाड़ से मुंह मोड़ लिया था. जिससे पहाड़ में विमल समर्थकों का मनोबल टूटना लाजमी था.

लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही विमल समर्थक पहाड़ में सक्रिय हो गये. इस दौरान भाजपा ने राजू बिष्ट को दार्जिलिंग लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार भी घोषित कर दिया. भाजपा उम्मीदवार का समर्थन गोरामुमो, क्रामाकपा समेत सुमेटी मुक्ति मोर्चा ने भी किया. जिसके बाद विमल समर्थकों का मनोबल बढ़ गया. जो विमल समर्थक पहाड़ में अपने नेता के भूमिगत होने के बाद एक तरह से अदृश्य हो गये थे, वो अब सामने आने लगे हैं.

अचानक सबमें उत्साह का संचार

जानकारी के अनुसार कालिम्पोंग की विधायक सरिता राई जो विमल गुरूंग के भूमिगत होने के बाद एकांतवास में थीं, वो भी भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में सामने आ गयीं. इससे विमल समर्थकों में उत्साह भर गया. अब कल तक जो विमल समर्थक सामने नहीं आना चाहते थे, वो खुलकर विरोध जताने लगे.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अभी तक राज्य पुलिस व स्थानीय विनय गुट के वरीय नेताओं के खौफ के सामने जो विमल गुट के नेता भूमिगत हो गये थे, अब पहाड़ में जनाधार वापसी के साथ ही खुलकर मुखर होने लगे हैं. उनका कहना है कि अभी तक विमल गुट के समर्थकों को किसी बड़े नेता का सानिध्य नहीं था, जिसके चलते वे शांत बैठे थे. लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की मजबूत स्थिति को देखते हुये विमल समर्थकों ने अब प्रतिवाद करना शुरू कर दिया है.

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