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पूर्व बर्दवान में बोरो धान खेती कम

सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलने से बढ़ा किसानों का संकट कृषि विभाग ने दिया दाल, तेलहन की वैकल्पिक खेती का सुझाव बर्दवान : सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध न होने के कारण पूर्व बर्दवान जिले में बोरो धान खेती कम हो रही है. कृषि विभाग ने किसानो को विकल्प के रूप में दाल […]

सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिलने से बढ़ा किसानों का संकट

कृषि विभाग ने दिया दाल, तेलहन की वैकल्पिक खेती का सुझाव
बर्दवान : सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध न होने के कारण पूर्व बर्दवान जिले में बोरो धान खेती कम हो रही है. कृषि विभाग ने किसानो को विकल्प के रूप में दाल तथा तेलहन की खेती करने का सुझाव दिया है.
पिछले वर्ष 1.70 लाख हेक्टेयर जमीन में बोरो धान खेती की गई थी. इस बाग मात्र एक लाख हेक्टेयर जमीन में ही बोरो खेती हो रही है. किसानों का कहना है कि सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. इसे स्वीकार करते हुए कृषि विभाग ने किसानों को वैकल्पिक खेती करने का सुझाव दिया है. हालांकि इस वर्ष आलू खेती में वृद्धि हुई है.
पिछले वर्ष 70,740 हेक्टेयर जमीन में आलू की खेती हुई थी. इस वर्ष 72 हजार हेक्टेयर जमीन में आलू की खेती की जा रही है. वैकल्पिक खेती के रूप में पिछले वर्ष 31,910 हेक्टेयर जमीन में तेलहन की खेती की गई थी. इस वर्ष 31,858 हेक्टेयर जमीन में केती हो रही है.
पिछले साल 12,414 हेक्टेयर जमीन में दाल की खेती की गई थी. इस वर्ष 18,638 हेक्टेयर जमीन में दाल की खेती की जा रही है. जिला परिषद के सिंचाई व कृषि कर्माध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल ने कहा कि दामोदर नदी में पर्याप्त पानी न होने के कारण बोरो खेती में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
अमन खेती में आपातकालीन तौर पर जलाधार से पानी सप्लाई की गई थी. कृषि विभाग के संयुक्त अधिकारी जगन्नाथ चटर्जी ने बताया कि सिंचाई के पानी के संकट के कारण पिछले साल के तुलना में इस वर्ष बोरो धान खेती कम होगी.

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