कोलकाता / नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के स्थल पर पंडाल लगाने वाले और साज सज्जा की जिम्मेदारी संभालने वाले व्यक्ति और आयोजक के खिलाफ काम में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया गया.
दूसरी ओर पंडाल ढहने को लेकर आलोचना झेल रहे डेकोरेटर ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि भाजपा एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही तनातनी में उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के लिये कार्यक्रम का आयोजन करने वाले जे एन डेकोरेटर्स के राजीव कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं से बार - बार यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि कोई भी पंडाल के ऊपर नहीं चढ़ पाये.

सिंह ने बताया , मैं आयोजन स्थल पर था ... मैंने पार्टी नेताओं एवं स्थानीय सुरक्षा कर्मियों को यह नजर रखने के लिये कहा था कि कोई भी पंडाल के ऊपर नहीं चढ़ पाये. लेकिन इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया और नतीजतन ढांचा ढह गया , क्योंकि वह इतने अधिक लोगों के भार को सहन नहीं कर पाया. उन्होंने कहा , यह मेरी गलती नहीं है. मैंने अपना काम पूरी गंभीरता से किया ... मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है ताकि अन्य लोग अपनी जवाबदेही से बच सकें.
सोमवार को मोदी की रैली के दौरान पंडाल गिरने से 90 लोग घायल हो गए थे. पश्चिम मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक आलोक रजोरिया ने कहा कि पुलिस ने घोर लापरवाही बरतने के लिए आयोजक और साज सज्जा के जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई के महासचिव सयंतन बासु ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आयोजन स्थल पर भाजपा कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए उनपर लाठी चार्ज किया जिस कारण यह घटना हुई.
उन्होंने कहा , नरेंद्र मोदी जी को देखने के लिए लाखों लोग आए थे. पुलिस सही तरीके से भीड़ को नियंत्रित कर सकती थी लेकिन उसकी बजाए उन्होंने लाठी चार्ज किया जिसके बाद कई भाजपा समर्थक पंडाल पर चढ़ गए. बासु ने कहा , बारिश के बाद जमीन पूरी तरह से गीली होने के कारण पंडाल के खंभे गिर गए. साथ ही बहुत सारे लोग पंडाल के ऊपर चढ़ गए थे जो उनके भार को सहन नहीं कर सका और गिर गया.

उन्होंने कहा कि लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अभियंताओं की मौजूदगी में पंडाल लगाया गया था और हैरानी जतायी कि वे क्या कर रहे थे. बासु ने साथ ही घटना को लेकर पुलिस और राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाए. जिला पुलिस सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आईबी) सिद्धिनाथ गुप्ता और रजोरिया दिन में आयोजन स्थल पर गए और पंडाल लगाने के काम में शामिल कई लोगों से बात की.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि पंडाल लगाने में इस्तेमाल किए गए लोहे के ढांचों में जंग लगा हुआ था और लोहे के ज्यादातर खंभे जमीन में सही से नहीं घुसाए गए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंडाल गिरने की परिस्थितियों का आकलन करने के लिए शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम पश्चिम बंगाल जाएगी.
उन्होंने बताया कि टीम में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। टीम रैली के आयोजन में किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था संबंधी चूक , विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी और दूसरी खामियों की जांच करेगी. केंद्र ने घटना को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट देने को कहा था.
