पहले अग्रेजी व बांग्ला नववर्ष पर ही रहता था अवकाश
कोलकाता : कोलकाता नगर निगम द्वारा संचालित उर्दू माध्यम स्कूलों में अब इस्लामिक नववर्ष के दिन भी अवकाश रहेगा. पहले सिर्फ अंग्रेजी एवं बांग्ला नववर्ष पर छुट्टी रहती थी. निगम ने मुस्लिम छात्रों की खुशी के मद्देनजर यह निर्णय लिया है. चालू कैलेंडर वर्ष में अवकाश की सूची निगम के चीफ मैनेजर (एडुकेशन) द्वारा जारी कर दी गयी है, जिसमें इस्लामिक नववर्ष को भी इस वर्ष से शामिल कर लिया गया है. बता दें कि इस वर्ष 12 सितंबर बुधवार को इस्लामिक नववर्ष का पालन किया जायेगा.
इस दिन निगम संचालित ऊर्दू माध्यम स्कूलों में अवकाश रहेगा. पहली जनवरी को अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार और 15 अप्रैल को बांग्ला कैलेंडर के अनुसार नववर्ष है. अब इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नववर्ष पर सिर्फ उर्दू माध्यम के विद्यालय बंद रहेंगे. बता दें कि निगम द्वारा संचालित स्कूलों की संख्या करीब 282 है.
शिक्षक कर रहे आलोचना : निगम द्वारा इस तरह के सर्कुलर जारी किये जाने से महानगर के शिक्षक वर्ग इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं. कोलकाता प्राइमरी स्कूल के शिक्षक तथा भाजपा शिक्षक सेल के सह संयोजक शेखर महतो ने बताया कि तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है. इस तरह की छुट्टी से छात्र भ्रमित होंगे. उन्हें छोटी उम्र से सांप्रदायिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है. एक शिक्षक ने बताया कि कुछ लोग स्कूलों में सरस्वती पूजा पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं. जब स्कूल में सरस्वती पूजा करने पर आपत्ति है, तो इस्लामिक नववर्ष पर अवकाश क्यों.
स्कूलों में भी तुष्टीकरण की राजनीति की जा रही है. अगर इस्लामिक नववर्ष की छुट्टी दी जा सकती है, तो हिन्दी भाषी शिक्षक व छात्रों को भी हिन्दी नववर्ष पर छुट्टी मिले.
देवाशीष शील, संयोजक, सरकारी कर्मचारी परिषद
दो समुदाय को लोगों को लड़ाने की कोशिश की जा रही है. माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने की योजना है.
विजय ओझा, पार्षद, कोलकाता नगर निगम
शिक्षा विभाग की अनुमति पर ही निगम के स्कूलों में छुट्टी दी जाती है. इस्लामिक नव वर्ष पर दी जाने वाली छुट्टी के विषय में कुछ भी नहीं कहना चाहता.
अभिजीत मुखर्जी, मेयर परिषद सदस्य (शिक्षा) कोलकाता नगर निगम.
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