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Friday, March 29, 2024

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पद्मावती : महानगर में विरोध प्रदर्शन, नेता भी बंटे

कोलकाता. संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म पद्मावती के विरोध का सिलसिला जारी है. महानगर के धर्मतला के वाइ चैनल में विभिन्न समाजिक संस्थाओं की ओर से बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. भारत क्षत्रिय समाज के साथ अन्य 18 संस्थानों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. प्रदर्शनकारियों की मांग […]

कोलकाता. संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म पद्मावती के विरोध का सिलसिला जारी है. महानगर के धर्मतला के वाइ चैनल में विभिन्न समाजिक संस्थाओं की ओर से बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया गया. भारत क्षत्रिय समाज के साथ अन्य 18 संस्थानों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि फिल्म से संबंधित विवाद का निपटारा किये बिना फिल्म को रिलीज न किया जाये. रानी पद्मावती के नृत्य के दृश्य को फिल्म से निकाला जाये.

प्रदर्शनकारियों ने कुल 11 मांगों को सामने रखा है. उनका कहना था कि मांगें पूरी किये बिना वह फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे और इसके लिए वह हर संभव रास्ता अख्तियार करेंगे. वक्ताओं में भारत क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष राजेश सिंह, महासचिव मनोज सिंह, कीर्तन सिंह, संयोजक मनोज सिंह के अलावा अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण महासभा के महासचिव नवीन मिश्रा, भाजपा नेता चंद्रशेखर बासोटिया, राष्ट्रीय भोजपुरिया एकता मंच के अध्यक्ष त्रिभुवन सिंह व अन्य शामिल थे. वक्ताओं का कहना था कि उनका यह विरोध राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक है. यह देश के इतिहास और गौरव को सम्मान देने की बात है.

वहीं, कलकत्ता क्षत्रिय समाज के काशीपुर स्थित कार्यालय में जरूरी बैठक कर फिल्म पद्मावती का विरोध किया गया. बैठक में शामिल सदस्यों ने आरोप लगाया कि संजय लीला भंसाली ने वीरांगना पद्मावती के किरदार को तोड़मरोड़ कर फिल्माया है. राजपूतों की शौर्यगाथा को हास्यास्पद तरीके से पेश किया है. बैठक में दारोगा सिंह, रामायण सिंह, विजय बहादुर सिंह, भरत सिंह, मोहन सिंह, दीप नारायण सिंह, बृजेश सिंह, डॉ विनय सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, अरुण सिंह व अन्य मौजूद थे.

मुख्यमंत्री के विचार से इत्तेफाक नहीं रखते साधन
कोलकाता. फिल्म पद्मावती को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं राज्य के मंत्री साधन पांडे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पद्मावती के मुद्दे पर फिल्म के निर्माता के साथ खड़े होकर भाजपा पर निशाना साधा. ममता बनर्जी ने कहा है कि फिल्म को लेकर जो विवाद चल रहा है, वह काफी दुर्भाग्यजनक है. इस फिल्म के रिलीज होने की तारीख में फेरबदल पर उन्होंने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है. एक राजनीतिक दल देश में सुपर इमरजेंसी लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस बारे में साधन पांडे का कहना है कि विवादित फिल्म में काम करने को लेकर नायिका दीपिका पादुकोण पर जिस तरह निशाना साधा जा रहा है, वह गलत है.
फिल्म के निर्माता को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास को विकृत करने का अधिकार उन्हें नहीं है. महारानी पद्मावती का राजपूत इतिहास में सम्मानजक स्थान है, जिस पर राजपूत संप्रदाय गर्व करता है. ऐसे चरित्र पर फिल्म बनाने के पहले निर्माता को और ज्यादा संवेदनशील होना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि फिल्म पद्मावती चितौड़ की महारानी भीम सिंह की पत्नी को केंद्र में रख कर बनायी गयी है. चितौड़ पर आक्रमण करनेवाले अलाउद्दीन खिलजी के हाथों अपमानित होने की बजाय हजारों राजपूत नारियों के साथ महारानी ने जौहर व्रत का पालन किया था. ऐसे गौरवशाली चरित्र को अलाउद्दीन खिलजी के साथ सपने में नृत्य का दृश्य रखा गया है, तो जाहिर है कि लोग उसका विरोध करेंगे ही. निर्माता को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करे.
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