कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. सत्ताविरोधी लहर का सामना कर रहीं मुख्यमंत्री को यदि अपनी जीत का इतना ही यकीन है, तो वह घोषणा करें कि वह सिर्फ नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. यदि ऐसा नहीं करती हैं, तो यही समझा जायेगा कि नंदीग्राम पर उन्हें यकीन नहीं है.
ये बातें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने ट्वीट के जरिये कहीं हैं. मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को चुनौती देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय एवं भाजपा आइटी सेल के राष्ट्रीय प्रमुख सह बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ये ट्वीट किये.
अमित मालवीय ने अंग्रेजी में ट्वीट किया, ‘ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी. यदि उन्हें लगता है कि वह निश्चित रूप से नंदीग्राम से जीत रही हैं, तो उन्हें यह भी घोषणा कर देनी चाहिए कि वह सिर्फ नंदीग्राम से ही चुनाव लड़ेंगी, ताकि बाद में उन्हें अपने शब्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके और इन शब्दों से छेड़छाड़ न की जा सके. यदि ऐसा नहीं होता है, तो हमें पता है....
वहीं, भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी ऐसी ही बातें लिखीं. उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. पर, उन्होंने ये नहीं कहा कि वे सिर्फ यहीं से मैदान में उतरेंगी! यदि उनको अपनी जीत का भरोसा है, तो ये घोषणा भी करें! ...वरना ये समझा जायेगा कि आपको नंदीग्राम पर भरोसा नहीं!
पूर्वी मेदिनीपुर का नंदीग्राम विधानसभा सीट इस बार चर्चा के केंद्र में है. पूर्वी मेदिनीपुर के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के भाजपा का झंडा थामने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में ही घोषणा कर दी थी कि इस बार वह खुद यहां से चुनाव लड़ेंगी.
ममता बनर्जी की इस घोषणा के बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री को नंदीग्राम विधानसभा सीट पर कम से कम 50 हजार मतों के अंतर से हराने का संकल्प ले लिया. कभी ममता के सबसे करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने यहां तक कह दिया कि यदि वह ममता को आधा लाख मतों के अंतर से नहीं हरा सके, तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
Posted By : Mithilesh Jha