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Bengal Election 2021: पहाड़ की तीन हाॅटसीट दार्जीलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग में सबका ‘पानी’ दांव पर, GJM के बिमल, विनय और BJP में त्रिकोणीय मुकाबला

west bengal election 2021 three hot seats in north bengal Darjeeling, Kurseong and Kalimpong triangular contest between GJMs Bimal gurung, Vinay Tamang and BJP: उत्तर बंगाल यानी पहाड़ में इस बार तीन हाॅटसीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाली हैं. नंदीग्राम, भवानीपुर के बाद पहाड़ की तीनों सीटों पर सभी पार्टियों की नजरें टिकी हुई हैं. दार्जीलिंग लोकसभा के अतंर्गत दार्जीलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग ये तीन विधानसभा सीट हैं जो इस बार पहाड़ की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही हैं. इन तीन सीटों पर सभी पार्टियों ने दांव लगाया हैं. ये तीनों सीट इस बार काफी दिलचस्प सीट इसलिए हैं कि इस सीट से एक तरफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की दो विंग्स में मुकाबला हैं तो वहीं बीजेपी की इन दो विंग्स से सीधा मुकाबला होनी हैं.

Bengal Election 2021: उत्तर बंगाल यानी पहाड़ में इस बार तीन हाॅटसीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाली हैं. नंदीग्राम, भवानीपुर के बाद पहाड़ की तीनों सीटों पर सभी पार्टियों की नजरें टिकी हुई हैं. दार्जीलिंग लोकसभा के अतंर्गत दार्जीलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग ये तीन विधानसभा सीट हैं जो इस बार पहाड़ की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जा रही हैं. इन तीन सीटों पर सभी पार्टियों ने दांव लगाया हैं. ये तीनों सीट इस बार काफी दिलचस्प सीट इसलिए हैं कि इस सीट से एक तरफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की दो विंग्स में मुकाबला हैं तो वहीं बीजेपी की इन दो विंग्स से सीधा मुकाबला होनी हैं.

दरअसल, पहाड़ पर इन तीनों सीटों का समीकरण इस बार बदला हैं.इन तीन सीटों को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा दो विंग्स में बंट गयी हैं. एक विंग्स बिमल गुरूंग को तो दूसरी विंग्स विनय तमांग के समर्थन में हैं. पहाड़ के इन तीनों सीटों के साथ ममता बनर्जी ने बिमल गुरूंग के साथ समझौता किया हैं और इन सीटों पर ममता बनर्जी ने अपना कैंडिडेट्स नहीं उतारा हैं. वहीं विनय तमांग ने अपने कैंडिडेट्स को इन तीनों सीटों पर उतारा हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो, विनय तमांग को अपने कैंडिडेट्स हटाने को लेकर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने काफी कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बनी. हालांकि बिमल गुरूंग और विनय तमांग की पार्टी टीएमसी के ही समर्थन में हैं.

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2016 में पहाड़ पर बीजेपी थी शून्य, जीजेएम का था कब्जा

2016 विधानसभा चुनाव में पहाड़ की तीन सीटों पर ही नहीं बल्कि दार्जीलिंग की 6 सीटों पर बीजेपी शून्य थी. बीजेपी का नामो निशान नहीं था. दार्जीलिंग, कर्सियांग और कलिम्पोंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) का कब्जा था. दार्जिलिंग में जीजेएम के अमर सिंह राय ने टीएमसी के शारदा राई सुब्बा को 49913 वोटों से हराया था. कर्सियांग में जीजेएम के रोहित शर्मा ने टीएमसी के शांता क्षेत्री को 33726 वोटों से हराया था. वहीं कलिम्पोंग में जीजेएम की सरिता राय ने निर्दलीय हरका बहादुर क्षेत्री को 11431 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी.

2019 में बिमल गुरुंग के समर्थन से बीजेपी ने जीती थी दार्जीलिंग

2019 की लोकसभा चुनाव में बिमल गुरूंग ने बीजेपी को समर्थन दिया था. बिमल गुरूंग के समर्थन से बीजेपी ने पहाड़ पर कमल खिलाया था. दार्जीलिंग लोकसभा सीट पर बीजेपी ने बिमल गुरूंग की मदद से कब्जा जमाया था. यहां तक की दार्जीलिंग की सभी 6 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिली थी. दार्जीलिंग और जलपाईगुड़ी लोकसभा सीट पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की थी. 2019 में दार्जिलिंग लोकसभा से बीजेपी के राजू बिष्ट ने टीएमसी के अमर सिंह को हराया था.राजू बिष्ट को 7,50,067 वोट मिले थे जबकि अमर सिंह को 3,36,624 वोटों से संतुष्ट रहना पड़ा था.

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बिमल ने बीजेपी से तोड़ा हैं नाता, वोट बैंक पर पड़ सकता है असर

राजनैतिक जानकारों की मानें तो इस बार पहाड़ का समीकरण बदला है जो बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के एक विंग्स के चीफ बिमल गुरूंग पहाड़ पर लौटे हैं और वो इस बार टीएमसी के समर्थन में हैं. बिमल गुरूंग ने भी चुनावी सभा से बीजेपी पर हमला बोला हैं. बिमल गुरूंग ने कहा, बीजेपी ने उनके साथ विश्वासघात किया हैं. वादे करके भी बीजेपी ने कोई वादा पूरा नहीं किया. उन्होंने बीजेपी को सपोर्ट किया था जिस कारण पहाड़ पर कमल खिला था.मगर इस बार वो बीजेपी के साथ नहीं हैं. वहीं अभी बीजेपी के लिए बिमल गुरूंग का साथ छोड़ना कितना असर डालता हैं, इसका पता तो 2 मई को पता चलेगा.

बीजेपी को जीआरमूमो और क्रामाकपा पर भरोसा

पहाड़ पर समीकरण बिगड़ती देख बीजेपी ने पहाड़ में सक्रिय पार्टी से समर्थन मांगा है. दरअसल, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिमल गुरूंग से संपर्क खराब होने पर पहाड़ पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने पहाड़ पर सक्रिय अन्य पार्टियों से समर्थन मांगा हैं. इस बार बीजेपी गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (जीआरमूमो) ,क्रान्तिकारी मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (क्रामाकपा),अखिल भारतीय गोरखालीग पार्टी और सुमेटी मुक्ति मोर्चा का समर्थन लेकर चुनाव लड़ रही हैं. इन पार्टियों के भरोसे बीजेपी पहाड़ पर कमल खिलाने के लिए पूरा जो लगा रही हैं. पहाड़ पर बीजेपी का सीधा मुकाबला गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के दो विंग्स से हैं.

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बता दें कि 17 अप्रैल को दार्जीलिंग, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, उत्तर 24 परगना, पूर्वी बर्दवान और नदिया जिले के 45 सीटाें पर पांचवें चरण में चुनाव होनी हैं. 319 कैंडिडेट्स इस बार चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाने उतरने वाले हैं. 2 मई रिजल्ट डे को पता चलेगा, जनता ने किसे ताज पहनाया हैं और किसे बाहर का रास्ता दिखाया हैं.

Posted by : Babita Mali

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