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Bengal Election 2021: तीन साल में इन 44 सीटों पर भाजपा के वोट में 300 फीसदी का हुआ इजाफा

Bengal Election 2021, Bengal Election 2021 Phase 4: अब जरा वोटों का गणित समझिए. वर्ष 2016 में 44 सीट पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 46.02 फीसदी वोट मिले थे. भाजपा को यहां 12.13 फीसदी वोट मिला था. लेफ्ट-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा और उन्होंने 35.5 फीसदी वोट हासिल किये. वामदलों को 28.76 फीसदी वोट मिले, तो कांग्रेस को 6.71 फीसदी वोट हासिल हुए.

कोलकाता : आठ चरणों में होने वाले बंगाल चुनाव 2021 का चौथा चरण शनिवार (10 अप्रैल) को संपन्न हो जायेगा. चौथे चरण में बंगाल के 5 जिलों की 44 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. इन 44 में से 41 सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर लेफ्ट का विधायक है.

चौथे चरण की जिन 44 सीटों पर मतदान होने जा रहा है, वहां 2016 से 2019 के बीच भाजपा के वोट 300 प्रतिशत तक बढ़ा है. यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (9 अप्रैल) को कोलकाता के होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन साल में गंगा में बहुत पानी बह चुका है.

राज्य सचिवालय नबान्न, जिसे बंगाल में नीलबाड़ी (नीला मकान) भी कहा जाता है, में वर्ष 2021 में किस पार्टी का जोर चलेगा, इसका फैसला 2 मई को होगा. लेकिन, बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगाने वाली भाजपा के बीच जबर्दस्त टक्कर देखी जा रही है.

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आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 और 2019 के दरम्यान भाजपा ने अपनी जमीन काफी मजबूत कर ली है. खासकर इन 44 विधानसभा क्षेत्रों में, जहां 10 अप्रैल को मतदान है. कूचबिहार की सभी 9 सीटों के अलावा अलीपुरदुार की भी सभी 5 विधानसभा सीटों पर वोट होना है. इसके अलावा दक्षिण 24 परगना की कुल 31 में से 11, हावड़ा जिला की कुल 16 में से 9 और हुगली की 18 में से 10 सीटों पर भी मतदान होगा.

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी. लेकिन, वर्ष 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो इन 44 में से 19 विधानसभा सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली थी. तृणमूल कांग्रेस 25 सीटों पर भाजपा पर भारी पड़ी थी. कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पायी थी. इसलिए भाजपा को उम्मीद है कि उसका प्रदर्शन इस बार शानदार रहेगा.

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44 विधानसभा सीट के वोटों का गणित

अब जरा वोटों का गणित समझिए. वर्ष 2016 में 44 सीट पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 46.02 फीसदी वोट मिले थे. भाजपा को यहां 12.13 फीसदी वोट मिला था. लेफ्ट-कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा और उन्होंने 35.5 फीसदी वोट हासिल किये. वामदलों को 28.76 फीसदी वोट मिले, तो कांग्रेस को 6.71 फीसदी वोट हासिल हुए.

वर्ष 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो तृणमूल कांग्रेस का वोट इन क्षेत्रों में घटकर 44.73 फीसदी हो गया. वहीं भाजपा का मत प्रतिशत 12.13 फीसदी से बढ़कर 40.88 फीसदी हो गया. वामदलों का वोट शेयर घटकर 9.63 फीसदी रह गया, तो कांग्रेस का 1.88 फीसदी. राजनीति के जानकार कहते हैं कि भाजपा को इसी बढ़त को बरकरार रखना है.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2016 में तृणमूल ने उत्तर बंगाल के कूचबिहार की कुल 9 में से 8 सीट पर जीत दर्ज की थी. कूचबिहार उत्तर विधानसभा सीट पर फॉरवर्ड ब्लॉक ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2019 में जब लोकसभा के चुनाव हुए, तो 7 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने बढ़त हासिल कर ली.

उत्तर बंगाल के अलीपुरदुआर में हुआ था बड़ा उलटफेर

उत्तर बंगाल के एक और जिला अलीपुरदुार में भी चुनाव हो रहे हैं. 2016 में तृणमूल ने यहां की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर जीत दर्ज की थी. भाजपा के खाते में एक सीट आयी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, तो भाजपा ने इस जिले की सभी 5 विधानसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस को पछाड़ दिया.

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तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले दक्षिण 24 परगना में भाजपा की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया. इस जिला की कई विधानसभा सीटें कोलकाता से सटी हैं. 11 सीटों में से 10 सीट तृणमूल ने 2016 में जीती थी. टालीगंज, कसबा, बेहला पूर्व, बेहला पश्चिम, भांगड़ एवं बजबज विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल ने लोकसभा चुनाव 2019 में भी बढ़त बनाये रखी.

गंगा के उस पार भी नहीं बदली स्थित

कोलकाता में बहने वाली गंगा नदी के उस पार हावड़ा जिला में भी स्थित कमोबेश दक्षिण 24 परगना जैसी ही रही. हावड़ा जिला की 9 विधानसभा सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने जीत दर्ज की थी. उलुबेड़िया पूर्व, डोमजूर, संकराईल एवं पांचला जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को लोकसभा चुनाव 2019 में बढ़त नहीं मिल पायी थी. तृणमूल उम्मीदवार को 8 क्षेत्रों में बढ़त मिली, जबकि भाजपा को सिर्फ हावड़ा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में.

हुगली जिला के रिकॉर्ड पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि यहां के नतीजे भाजपा के पक्ष में हैं. चौथे चरण में जिला की चुंचुड़ा, चंदननगर समेत 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. 2016 के चुनाव में ममता की पार्टी ने 8 सीटें जीती थीं. चांपदानी में कांग्रेस और पांडुआ में लेफ्ट को जीत मिली थी.

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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने बढ़त बना ली थी. श्रीरामपुर, सिंगूर, चुंचुड़ा, बालागढ़, सप्तग्राम के साथ-साथ माकपा की जीती सीट पांडुआ में भी भाजपा को ही बढ़त मिली थी. तृणमूल कांग्रेस को उत्तरपाड़ा, चंदननगर, चंडीतला और चांपदानी में बढ़त बनायी थी. 2016 के चुनाव में चांपदानी में कांग्रेस को जीत मिली थी.

Posted By : Mithilesh Jha

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