Bengal Chunav 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार अभियान मंगलवार की शाम पांच बजे थम गया. दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी और टीएमसी के दिग्गज नेताओं ने हाई वोल्टेज कैंपेन किया. बड़ी बात यह थी कि बंगाल की हॉटसीट नंदीग्राम में दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी रही. नंदीग्राम सीट से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में हैं. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मिथुन चक्रवर्ती, धर्मेंद्र प्रधान ने रोड शो से नंदीग्राम की जनता से समर्थन मांगा. दूसरी तरफ टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी नंदीग्राम में कई चुनावी रैलियां की.
दूसरे चरण के मतदान की जरूरी जानकारियां
मतदान की तारीख: एक अप्रैल
विधानसभा सीट: 30
दूसरे चरण में कुल मतदान केंद्र: 10,620
सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की कंपनियां: 697
मतदान का समय: सुबह 7 से शाम 6.30 बजे तक
उम्मीदवारों की संख्या : 171
मतदाताओं की संख्या : 75,94,549
दूसरे चरण के चुनाव में किन सीटों पर वोटिंग?
जिले: पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, दक्षिण 24 परगना
पूर्व मेदिनीपुर: 9 सीट
तमलुक, पांशकुड़ा पूर्व, पांशकुड़ा पश्चिम, मोयना, नंदकुमार, महिषादल, हल्दिया, नंदीग्राम, चांदीपुर
पश्चिम मेदिनीपुर : 9 सीट
खड़गपुर सदर, नारायणगढ़, सबंग, पिंगला, देबरा, दासपुर, घाटाल, चंद्रकोणा, केशपुर
बांकुड़ा: 8 सीट
तालडांगरा, बांकुड़ा, बरजोरा, ओंदा, विष्णुपुर, कतुलपुर, इंडास, सोनामुखी
दक्षिण 24 परगना: 4 सीट
गोसाबा, पाथरप्रतिमा, काकद्वीप, सागर
नंदीग्राम में ममता बनर्जी VS शुभेंदु अधिकारी...
दूसरे फेज की 30 सीटों में सबसे बड़ा और जोरदार मुकाबला नंदीग्राम में देखने को मिल रहा है. नंदीग्राम की लड़ाई बीजेपी और टीएमसी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है. नंदीग्राम सीट से सीएम ममता बनर्जी खुद चुनावी मैदान में हैं. उनसे बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी भिड़े हैं. इस बार ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम का रूख किया है. नंदीग्राम से चुनाव जीतने के लिए ममता बनर्जी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. लिहाजा, चुनाव के तीन दिन पहले से ही ममता ने नंदीग्राम में कैंप कर दिया. दूसरी तरफ नंदीग्राम में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी भी लगातार कैंपेन करते रहे.
दूसरे फेज में टीएमसी-बीजेपी का बड़ा मुकाबला
दूसरे फेज में टीएमसी से बीजेपी का तगड़ा मुकाबला है. दोनों ने एक-दूसरे को हराने का दावा भी किया है. पिछले विधानसभा चुनाव (साल 2016 में) की बात करें तो इस इलाके में टीएमसी ने क्लीन स्वीप किया था. इस बार के दूसरे फेज में सियासी समीकरण काफी हद तक बदला हुआ है. मतुआ समुदाय का वोट दूसरे चरण की सीटों पर काफी अहम माना जा रहा है. बीजेपी को भी इस इलाके से काफी उम्मीदें हैं.