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बंगाल की दुर्गा, जिहादी दीदी, घायल शेरनी, मैडम से बेगम तक… ऐसे बदलता रहा ममता बनर्जी का नाम…

Bengal Chunav 2021: बंगाल चुनाव के छह चरणों की वोटिंग बची है. एक अप्रैल को दूसरे फेज की वोटिंग हुई. नतीजे दो मई को निकलेंगे. दो मई को पता चलेगा किसके हाथ में बंगाल की कमान होगी? इन सबके बीच नेता हैं. उनके दावे भी हैं और कई सियासी बयानबाजी भी. बंगाल चुनाव की सबसे बड़ी सीट नंदीग्राम की है. जब एक अप्रैल को नंदीग्राम में वोटिंग हुई तो सभी की नजरें उसी पर थीं. बॉलीवुड मूवी की तरह नंदीग्राम की सीट पर एक्शन, पॉलिटिकल डांस और ड्रामा भी देखने को मिला. ममता बनर्जी ने धरना दिया. बीजेपी पर हमले किए और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से गुहार लगाईं.

Bengal Chunav 2021: बंगाल चुनाव के छह चरणों की वोटिंग बची है. एक अप्रैल को दूसरे फेज की वोटिंग हुई. नतीजे दो मई को निकलेंगे. दो मई को पता चलेगा किसके हाथ में बंगाल की कमान होगी? इन सबके बीच नेता हैं. उनके दावे भी हैं और कई सियासी बयानबाजी भी. बंगाल चुनाव की सबसे बड़ी सीट नंदीग्राम की है. जब एक अप्रैल को नंदीग्राम में वोटिंग हुई तो सभी की नजरें उसी पर थीं. बॉलीवुड मूवी की तरह नंदीग्राम की सीट पर एक्शन, पॉलिटिकल डांस और ड्रामा भी देखने को मिला. ममता बनर्जी ने धरना दिया. बीजेपी पर हमले किए और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से गुहार लगाईं.

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गिरिराज सिंह ने ममता को कहा ‘समगोत्री’

ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के बूथ पर धरने के बाद दो अप्रैल को रैली की. बूथ पर धरना देने का कारण भी बताया. जवाब बीजेपी की तरफ से आया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता को समगोत्री करार देते हुए चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली. समगोत्री. जी हां, हर चुनाव में ममता बनर्जी का नाम बदलता रहा है. इस बार ममता बनर्जी को उनके धुर विरोधी शुभेंदु अधिकारी ने मैडम, आंटी और बेगम कहा. बात निकली और गिरिराज सिंह तक पहुंची. गिरिराज सिंह ने उन्हें समगोत्री कहकर तंज कसे. पहले भी ममता के कई नामाकरण हुए हैं. इसी चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम में घायल हुईं. खुद को घायल शेरनी कहा.

बंगाल की दुर्गा से लेकर जिद्दी दीदी तक…

बात उन दिनों की है जब ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में थीं. उस दौरान बीजेपी के नेता ममता बनर्जी को दीदी कहकर संबोधित करते थे. बीजेपी के नेताओं ने टीएमसी चीफ ममता बनर्जी को बंगाल की दुर्गा तक बताया था. दिन गुजरा और ममता बनर्जी बीजेपी के लिए जिहादी दीदी बन चुकी थीं. साल 2011 में बंगाल से लेफ्ट सरकार को उखाड़ फेंकने वाली ममता बनर्जी को बंगाल में जिद्दी दीदी भी कहा गया था. अपनी जिद के आगे ममता बनर्जी ने ना पद देखा और ना कुछ और. लेफ्ट सरकार के विरोध में ऐसी खड़ी हुईं कि बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार की सत्ता से विदाई हो गई. 2011 से 2021 के बीच ममता बनर्जी के कई नाम धरे गए. ममता बनर्जी को कई नामों से बुलाया गया.

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दीदी, घायल शेरनी, मैडम के बाद ‘बेगम’…

साल 1984 में दिग्गज नेता सोमनाथ चटर्जी को हराकर दिल्ली पहुंचने वाली ममता बनर्जी का राजनीतिक कद हर चुनाव में बनता-बिगड़ता रहा. ममता को नंदीग्राम से हमेशा पॉलिटिकल वजूद मिलता रहा. नंदीग्राम और सिंगूर के जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों के आंदोलन के रास्ते ममता बनर्जी पुख्ता तौर पर दीदी बनीं. वक्त का फेर देखिए आज ममता बनर्जी घायल शेरनी से मैडम बनीं. दूसरे चरण में नंदीग्राम में वोटिंग के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को आंटी और बेगम तक कह डाला. कभी बंगाल से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में हवाई चप्पल पहनकर सियासी तूफान लाने वाली ममता बनर्जी अब मुकद्दर की सिकंदर बनती हैं या नहीं? जवाब 2 मई को निकलेगा.

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