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बंगाल चुनाव 2021: गोआलपोखर विधानसभा सीट पर सगे भाइयों की जंग में रोचक हुआ मुकाबला

Bengal Assembly Election 2021: उत्तर दिनाजपुर (Uttar Dinajpur) जिला की सभी 9 विधानसभा सीटों पर 22 अप्रैल (गुरुवार) को मतदान होना है. जिले की गोआलपोखर (Goalpokhar) विधानसभा सीट पर इस बार की चुनावी जंग राजनीतिक के साथ पारिवारिक भी है. इस सीट पर सगे भाई एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव के मैदान में खड़े हो गये हैं. md ghulam sarwar goalpokhar uttar dinajpur

कोलकाता : उत्तर दिनाजपुर जिला की सभी 9 विधानसभा सीटों पर 22 अप्रैल (गुरुवार) को मतदान होना है. जिले की गोआलपोखर विधानसभा सीट पर इस बार की चुनावी जंग राजनीतिक के साथ पारिवारिक भी है. इस सीट पर सगे भाई एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव के मैदान में खड़े हो गये हैं.

इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी की कैबिनेट के मंत्री गुलाम रब्बानी पर फिर से भरोसा जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके सगे भाई गुलाम सरवर हुसैन को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है.

गुलाम सरवर के भाजपा उम्मीदवार बनने से तृणमूल कांग्रेस की यहां परेशानी बढ़ गयी है. हालांकि, गुलाम रब्बानी लगातार अपनी जीत का दावा करते हुए कह रहे हैं कि वह पहले से ज्यादा बड़े अंतर से जीतेंगे. यह भी कहते हैं कि भाजपा ने उनके भाई को उम्मीदवार बनाकर साबित कर दिया है कि वह जाति-धर्म की राजनीति ही नहीं करती, बल्कि परिवार को तोड़ने की भी राजनीति करती है.

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उल्लेखनीय है कि गुलाम रब्बानी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं और अभी ममता बनर्जी की सरकार में श्रम राज्यमंत्री हैं. वहीं, उनके छोटे भाई गुलाम सरवर हुसैन पिछले साल नवंबर में भाजपा में शामिल होने के बाद सक्रिय राजनीति में आये.

इनके वालिद मरहूम इमाजुद्दीन भी राजनीति में सक्रिय थे. लंबे समय तक वह कांग्रेस में थे. दो भाइयों के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने से गोआलपोखर के मतदाता असमंजस में हैं. बताया जाता है कि गुलाम रब्बानी पांच भाई हैं. सबसे छोटे गुलाम सरवर हैं.

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दोनों भाइयों के साथ प्रचार कर रहे एक-एक भाई

गुलाम सरवर के साथ एक और भाई गुलाम हैदर हैं, जो उनके साथ भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. दूसरी ओर, गुलाम रब्बानी के साथ उनके एक भाई गुलाम रसूल हैं. वर्तमान में वह तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष हैं. परिवार के सबसे बड़े भाई गुलाम यजदानी राजनीति में नहीं हैं.

गुलाम सरवर कहते हैं कि उनकी लड़ाई अपने बड़े भाई से नहीं, बल्कि तृणमूल के उत्पीड़न व भ्रष्टाचार से है. अब दोनों भाइयों में कौन जीतेगा, कौन हारेगा, इसका फैसला तो 2 मई को होगा. लेकिन, दो भाइयों की लड़ाई ने यहां की राजनीति को रोचक बना दिया है.

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गोआलपोखर में 22 अप्रैल को मतदान

गोआलपोखर विधानसभा सीट पर छठे चरण में 22 अप्रैल को वोट पड़ेंगे. इस सीट से तृणमूल व भाजपा के अलावा कांग्रेस से मसूद नसीम एहसान चुनाव लड़ रहे हैं. उनके समर्थन में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी खुद चुनाव प्रचार करने आये थे.

Posted By : Mithilesh Jha

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