कोलकाता (मधु सिंह, शिव कुमार राउत) : पश्चिम बंगाल में पालतू कुत्तों में एक जानलेवा वायरस फैल रहा है. भारी संख्या में कुत्तों की मौत हो गयी है. इसके बाद से कुत्ता पालने वालों में हड़कंप मच गया है. लोग जानना चाहते हैं कि इंसानों पर इस वायरस का कितना असर हो सकता है.
बांकुड़ा जिला के विष्णुपुर में मात्र तीन दिन में 250 से ज्यादा कुत्तों की मौत के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है. कुत्तों की लगातार हो रही मौत की वजह 'पारवो वायरस' के संक्रमण को माना जा रहा है. पारवो वायरस के बढ़ते खतरे से ज्यादातर वे लोग ज्यादा चिंतित हैं, जो कुत्ता पालते हैं.
दरअसल, कुत्तों में ये संक्रमण आम है. यह वायरस तेजी से एक कुत्ते से दूसरे कुत्ते में फैलता है. पशु चिकित्सकों को आशंका है कि हाल में कोविड-19 (कोरोनावायरस) संक्रमण से जिस तरह लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था, उसका असर जानवरों पर भी पड़ा है.
कोरोना के कारण कई लोग अपने पालतू कुत्तों को जरूरी वैक्सीन नहीं लगवा पाये थे. संभव है कि इस वजह से भी ये केस बढ़ रहे हैं. कुत्तों को यह वायरस परेशान कर रहा है, क्योंकि इसके वैक्सीन की कमी हो गयी है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
कोलकाता के सीएसपीसीए अस्पताल के सुपरिटेंडेंट व सचिव डॉ समीर शील ने बताया कि पारवो वायरस नयी बीमारी नहीं है. यह वायरस कुत्तों में सात दिन तक सक्रिय रहता है. इसकी चपेट में आते ही कुत्तों को उल्टी और खूनी दस्त होने शुरू हो जाते हैं और वह खाना-पीना छोड़ देता है.
डॉ शील का कहना है कि यह वायरस राज्य में इसलिए ज्यादा कहर बरपा रहा है, क्योंकि लॉकडाउन के समय लोग अपने घर में कैद हो गये थे. पशुओं का टीकाकरण नहीं हो पाया. मौसम में उतार चढ़ाव से जिले में पारवो वायरस रोग सक्रिय हो गया है. सबसे बड़ी बात है कि यह बीमारी एक जानवर से दूसरे में फैलता है. जिले के स्ट्रीट डॉग भी इस बीमारी के फैलने की बड़ी वजह है.

पारवो वायरस का लक्षण और इलाज
ज्यादातर कुत्ते मौसम में बदलाव के समय इस वायरस से संक्रमित होते हैं. इसका इलाज भी है, लेकिन कुछ महंगा है. साथ ही जिन कुत्तों को इसकी वैक्सीन लगी होती है, वे पारवो वायरस से बहुत कम प्रभावित होते हैं. पशु चिकित्सक बताते हैं कि जब कुत्ता अचानक खाना बंद कर दे, ज्यादा उल्टी करने लगे, तो सलाइन जरूर देना चाहिए. साथ ही जब उल्टी कम हो, तो पारवो केयर नाम से दवा भी उसे कुछ एंटीबायोटिक के साथ देनी चाहिए.
कुत्तों को वैक्सीन देने के बाद कम से कम दो हफ्तों के लिए घरों में ही रखने की भी सलाह पशु चिकित्सक देते हैं. पारवो वायरस के लक्षण इंसानों में होने वाले कॉलरा से मिलते-जुलते हैं. इंसान में कॉलरा के समय लूज मोशन, ब्लड लॉस, डिहाइड्रेशन और कई बार कार्डियक फेल्योर तक के मामले देखने को मिलते हैं.
पारवो वायरस से घबराने की जरूरत नहीं
चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, क्योंकि इसके इंसानों या अन्य जानवरों में फैलने की आशंका नहीं है. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि मृत कुत्तों के कंकाल को विष्णुपुर नगरपालिका के कूड़ा डालने वाले मैदान में दफनाया जा रहा है.
Posted By : Mithilesh Jha