गिरफ्तार निदेशकों को तीन दिनों की सीबीआइ हिरासत बैंक घोटाला

कोलकाता : कैनरा बैंक सहित दस बैंकों से 515.15 करोड़ रुपये का घोटाला करने के मामले में सीबीआइ की एंटी क्रप्शन ब्रांच (एसीबी) की टीम ने एक निजी कंपनी के दो निदेशक शिवाजी पांजा और कौस्तव रे को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को दोनों को अदालत में पेश करने पर उन्हें तीन दिनों के लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2018 1:50 AM

कोलकाता : कैनरा बैंक सहित दस बैंकों से 515.15 करोड़ रुपये का घोटाला करने के मामले में सीबीआइ की एंटी क्रप्शन ब्रांच (एसीबी) की टीम ने एक निजी कंपनी के दो निदेशक शिवाजी पांजा और कौस्तव रे को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को दोनों को अदालत में पेश करने पर उन्हें तीन दिनों के लिए सीबीआइ हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया है.

अदालत सूत्रों के मुताबिक सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से वकीलों ने बैंकों के साथ धोखाधड़ी से संबंधित कागजात पेश किये. इसमें बताया गया कि इस बारे में लगातार तीन बार पूछताछ करने के बावजूद लगातार दोनों निदेशक गलत जानकारियां देकर सीबीआइ को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके कारण मामले में कई अहम जानकारियों का पता लगाने के लिए दोनों को हिरासत में भेजा जाये. अदालत ने दोनों को तीन दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया.

ज्ञात हो कि कोलकाता के आरपी इंफोसिस्टम और उसके निदेशकों के खिलाफ 515.15 करोड़ की धोखाधड़ी का 26 फरवरी को कैनरा बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रसाद राव ने शिकायत दर्ज करवायी थी. इसके बाद कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद सीबीआइ की तरफ से निदेशकों से समय-समय पर पूछताछ की गयी. इस दौरान जांच में कई असंगतियां पाये जाने पर दो निदेशकों को गिरफ्तार करने का फैसला लिया गया.
बताया जा रहा है कि इन बैंकों में एसबीआइ, एसबीबीजे, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक, ओबीसी, सेंट्रल बैंक, पीएनबी, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और फेडरल बैंक शामिल हैं. ये धोखाधड़ी स्टॉक, डेटर्स स्टेटमेंट के जरिये की गयी है. एफआइआर में कैनरा बैंक की तरफ से आरोप लगाया गया था कि आरपी इंफोसिस्टम ने बेईमानी से बिक्री को लोन अकाउंट के जरिये नहीं दिखाया और पूरा पैसा हजम कर लिया.

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