Holi Banned In BHU: होली का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिसका छात्रों ने कड़ा विरोध किया है. साथ ही कैंपस के अंदर जमकर होली खेली. आइ जानते हैं BHU ने होली पर बैन क्यों लगाया. क्या है पूरा मामला.
BHU में होली पर प्रतिबंध
इस साल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी कैंपस में होली न मनाने का आदेश जारी किया गया है. जिसका छात्रों ने कड़ा विरोध किया है और कैंपस के अंदर जमकर होली खेली. विश्व हिंदू परिषद ने यूनिवर्सिटी के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए इसका विरोधी किया.
यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध किया विरोध
BHU प्रशासन द्वारा होली मनाने पर रोक लगा दी गई है. विश्वविद्यालय ने एक सूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को परिसर में होली खेलने, संगीत बजाने पर प्रतिबंध है. लेकिन छात्र-छात्राओं ने प्रशासन द्वारा जारी आदेश का विरोध किया है और यूनिवर्सिटी कैंपस में सार्वजनिक तौर पर होली खेली है.
आखिर बीएचयू ने होली पर क्यों लगाया प्रतिबंध
दरअसल BHU प्रशासन ने होली पर इस लिए प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि होली के दौरान छात्रों के बीच मारपीट भी हुई है. इसलिए बीएचयू में इस साल होली खेलने पर प्रतिबंद लगा है. जारी आदेश के अनुसार काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के सभी शिक्षकों, छात्रों, कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि परिसर में सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलना, संगीत बजाना ,शोर मचाने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित है. अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ प्रशासन बड़ा एक्शन लेगा. फिलहाला बता दें छात्रों ने प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश का जमकर विरोध किया और यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर होली खेली.
VHP ने बताया तुगलकी फरमान
बता दें विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट किए करते हुए बीएचयू प्रशासन के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया है. विनोद ने ट्वीट में लिखा है काशी में होली पर प्रतिबंध, ये परिपत्र है या कोई तुगलकी फरमान...!! कहीं ये विश्वविद्यालय के नाम से "हिन्दू" शब्द हटाने की शुरुआत तो नहीं है.