Lucknow: प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में सियासी बवाल और कई टीमों की ताबड़तोड़ दबिश के बावजूद एसटीएफ अभी भी खाली हाथ है. एसटीएफ अभी तक यूपी का हर वो कोना खंगाल चुकी है, जहां उसे अतीक के बेटे और गुर्गों का इनपुट मिला. हालांकि तिहरे हत्याकांड में अभी तक उसके खाते में केवल अरबाज का एनकाउंटर और सदाकत की गिरफ्तारी है. लेकिन, ये भी सिर्फ शतरंज के मोहरे थे, मुख्य अभियुक्त अभी भी कानून की पकड़ से काफी दूर हैं.
भारी-भरकम टीम से आगे निकले हमलावर
प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में जिस तरह से यूपी पुलिस अलर्ट पर है. जांच एजेंसी लगाई गई हैं, इसमें भारी भरकम टीम के बावजूद शूटर्स का हाथ नहीं लगना कई सवाल खड़े कर रहा है. एसटीएफ अपनी तमाम कोशिशों और खुफिया तंत्र के बावजूद अतीक अहमद गिरोह को लेकर सेंध लगाने में नाकाम साबित हुई है.
हमलावरों की लोकेशन नहीं तलाश पा रही एसटीएफ
अभी तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि हमलावर यूपी में हैं या फिर सख्त परहेदारी के बावजूद सीमा से बाहर निकल गए. हालांकि जिस तरह से बिहार के सासाराम में एक शूटर के कोर्ट में आत्मसमर्पण की बात सामने आई है, उससे अब साफ हो गया कि अपराधी यूपी की सीमा से काफी पहले की बाहर निकल चुके हैं. पड़ोसी राज्य नेपाल में इनके भागने की पहले से ही काफी चर्चा थी.
दबाव बनाने की रणनीति कितनी होगी कारगर
एसटीएफ ने कार्रवाई के नाम पर अतीक के बेटे असद का नाम एफआईआर में दर्ज करने के साथ अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित कर दिया गया है. वहीं अतीक अहमद से जुड़े लोगों के आर्थिक साम्राज्य को तबाह करने के लिए बुलडोजर अभियान जारी है. इसके अलावा उसके करीबियों को भी उठाया गया है. सूत्रों के मुताबिक अब एसटीएफ और पुलिस इन लोगों के जरिए अतीक अहमद गिरोह पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही है, जिससे ये लोग सामने आ सकें. हालांकि ये दांव कितना सफल हो पाएगा, इस पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि अभी तक टीम को कोई कामयाबी नहीं मिली है.