Prayagraj: उत्तर प्रदेश के शहरों में सीवर की सफाई अब 'बैंडीकूट' रोबोट के हवाले होगी. प्रयागराज नगर निगम ने रोबोटिक मशीन के जरिए नई शुरुआत की है. सीवर की सफाई के दौरान होने वाले हादसों को रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है.
मैनहोल की सुरक्षित तरीके से सफाई करने में ये रोबोट बेहद कारगर साबित होंगे. इससे सफाई कर्मियों की जान जोखिम में नहीं पड़ेगी और काम भी कम समय में संभव हो सकेगा. केरल स्थित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्टार्ट-अप के विकसित तीन बैंडीकूट रोबोटिक स्कैवेंजर्स के जरिए मैनहोल की सफाई का काम कराया जाएगा. इससे पहले प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा कह चुके हैं कि सीवर की सफाई मशीनों से कराई जाएगी इसके लिए मैनहोल का नाम बदल कर इसे मशीन होल किया जाएगा.
प्रदेश में यहां बैंडीकूट रोबोट के जरिए कराया जा रहा सफाई कार्य
प्रयागराज के अलावा प्रदेश में कानपुर, अलीगढ़ और ग्रेटर नोएडा जैसे अन्य क्षेत्र वर्तमान में बैंडिकूट रोबोट प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे इन जगहों पर बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक बैंडीकूट स्वच्छता उद्योग में एक गेम-चेंजर हैं. यह मैला ढोने के लिए एक सुरक्षित और कुशल विकल्प के तौर पर बेहद कारगर माना जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि प्रयागराज में बैंडीकूट की शुरुआत के बाद अन्य शहर भी इस तकनीक को अपनाते हुए सफाई कर्मचारियों के जीवन में सुधार लाने की पहल करेंगे.
बैंडीकूट रोबोट से मैनहोल के सफाई कार्य में आया बदलाव
बैंडीकूट पहले से ही केरल में अत्यधिक प्रभावी साबित हुए हैं, जहां उन्होंने मैनहोल की सफाई के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है. इन रोबोट के जरिए न सिर्फ कार्य दक्षता में इजाफा हुआ है, बल्कि सफाई कर्मियों को जोखिम भरे काम के दौरान हादसों से भी निजात मिली है. प्रयागराज में भी बैंडीकूट रोबोट को अपनाने के बाद बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा रही है.
ऐसे काम करता है बैंडीकूट रोबोट
बताया जा रहा है कि इस रोबेटिक मशीन से एक बार में लगभग 16 से 20 लीटर तक गंदगी को बाहर निकाला सकता है. एक मशीन की कीमत करीब 30 लाख रुपये है. इस रोबोट में 4 कैमरे भी लगाए गए हैं, जो सीवर के चारों तरफ छिपी गंदगी को देख सकते हैं. इसमें एक बड़े कंट्रोल यूनिट के जरिए ऑपरेट किया जाएगा. इसमें मैनहोल की सफाई के लिए टाइमर भी सेट किया जा सकता है. इसे कहीं भी छोटे जेनरेटर की मदद से ऑपरेट किया जा सकता है. मैनहोल के अंदर कई बार खतरनाक गैस होती हैं. सफाई कर्मी मैनहोल में नीचे उतरते हैं और इन गैसों के प्रभाव में आकर मर जाते हैं. इस रोबोट में ऐसे सेंसर लगाए गए हैं जो खतरनाक गैसों को भी सेंस कर लेते हैं और उन्हें बाहर भी निकाल देते हैं.
17 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेश में बदलाव लाने में हुए मददगार
बैंडीकूट रोबोट वर्तमान में भारत के 17 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात हैं. ये स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने में सहायक साबित हुए हैं. बैंडीकूट अपने मानव जैसे रोबोटिक हथियारों, विशेष रूप से डिजाइन की गई बाल्टी प्रणाली, सीवरेज और वाटरप्रूफ कैमरों के साथ सीवर में मानव प्रवेश की आवश्यकताओं को समाप्त कर सकता है. इसके जरिए मैन-होल की सफाई की समस्या बेहतर तरीके से संभव है.