Lucknow: प्रदेश के एटा मेडिकल कॉलेज में बच्चों के इलाज के दौरान घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. आरोप है एक ही सिरिंज से कई बच्चों को इंजेक्शन लगाया गया. एक बच्चे की जांच रिपोर्ट में एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इसके बाद जिन बच्चों को उसी सिरिंज से इंजेक्शन लगाया था, उनके परिजन डरे हुए हैं. मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. वहीं प्रशासन भी हरकत में आ गया. मामले की जानकारी होने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जवाब तलब करते हुए दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर गंभीर आरोप
एटा में वीरांगना अवंतीबाई स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में भर्ती कई बीमार बच्चों को एक ही सिरिंज से इंजेक्शन लगा दिया गया. यहां पर मासूम बच्चे इलाज के लिये भर्ती हैं. उनके परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से शिकायत की है.
टोकने के बाद भी नहीं माने स्वास्थ्य कर्मचारी
एक तीमारदार ने बताया कि उनकी एक साथ साल की बेटी है, जो मेडिकल कॉलेज में पिछले कई दिनों से भर्ती है. उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली सिरिंज को बदला नहीं जाता है. पिछले कई दिनों से एक एचआईवी संक्रमित बच्चा भी एडमिट था. उनकी मासूम बेटी और उस संक्रमित मरीज को भी एक ही सिरिंज से दवाई लगाई जा रही थी. आरोप है कि विभागीय कर्मचारियों को इस बात के लिये टोकने पर उन्होंने दिक्कत नहीं होने की बात कहकर मामला टाल दिया. कई बार मना करने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मी इसी तरह एक ही सिरिंज का इस्तेमाल करते रहे.
जिला प्रशासन जांच में जुटा
एक महिला ने इस बात की शिकायत की तो मेडिकल कॉलेज ने रात में ही उनकी बच्ची की मेडिकल कॉलेज से छुट्टी कर दी. महिला की शिकायत पर महिला अस्पताल के सीएमएस अशोक कुमार इस मामले की जांच में जुट गए हैं. सीएमएस अशोक कुमार ने कहा कि मैं इस मामले की जांच कर रहा हूं, जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वहीं वर्तमान में भर्ती सभी चारों बच्चों को एचआईवी रोकने के लिये प्रीकॉशनरी डोज दे दी गई. अब इनका एक माह बाद फिर टेस्ट किया जाएगा, तब मालूम पड़ेगा कि इनको एचआईवी के लक्षण आये हैं कि नहीं.
इस बीच ऐसे बच्चों के घरों में भी जाकर जांच की जाएगी, जो इस दौरान मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. उनको भी उसी सिरिंज से इंजेक्शन लगाने का आरोप है जिससे एचआईवी संक्रमित बच्चे को इंजेक्शन लगाया गया था. एडीएम प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि कुछ लोगों के द्वारा मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच कराई जाएगी, जांच में दोषी पाये जाने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- होगी कड़ी कार्रवाई
वहीं मामले की जानकारी होने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तत्काल इसे संज्ञान में ले लिया. उन्होंने स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि मामले में किसी भी चिकित्सक के दोष्ज्ञी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.