UP News: सांसद बृजभूषण शरण सिंह के घर पर दिल्ली पुलिस ने दी दबिश, 15 लोगों से की पूछताछ

भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के घर दिल्ली पुलिस पहुंची हुई है. दिल्ली पुलिस की टीम पहले लखनऊ और फिर गोंडा में बृजभूषण के आवास पर पहुंची. दिल्ली पुलिस की टीम ने दोनों जगहों पर घर में काम करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए. उनका नाम-पता नोट किया.

By Sandeep kumar | June 6, 2023 9:14 AM

Lucknow : भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के घर दिल्ली पुलिस पहुंची हुई है. सोमवार को दिल्ली पुलिस की टीम पहले लखनऊ और फिर गोंडा में बृजभूषण के आवास पर पहुंची. दिल्ली पुलिस की टीम ने दोनों जगहों पर घर में काम करने वाले लोगों के बयान दर्ज किए. उनका नाम-पता नोट किया. इनमें बीजेपी सांसद के ड्राइवर, नौकर और बाकी कर्मचारी हैं.

दिल्ली पुलिस ने घर पर मौजूद लोगों से की पूछताछ

दिल्ली पुलिस की टीम ने 15 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की. सांसद की वर्किंग, रवैये को लेकर सवाल-जवाब किए. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने यहां बृजभूषण सिंह से पूछताछ नहीं की. उनके बयान पहले ही दिल्ली में दर्ज किए जा चुके हैं. पुलिस की मौजूदगी के दौरान बृजभूषण मौजूद रहे हैं या नहीं.

इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है. दिल्ली पुलिस की टीम ने लखनऊ आवास में कर्मचारियों से पूछताछ की. इसके बाद रात 10 बजे करीब सांसद के गोंडा स्थित आवास पर पहुंची करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ के बाद टीम 11:30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई.

आंदोलन को लेकर पहलवानों ने जारी किया स्पष्टीकरण

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे शीर्ष भारतीय पहलवानों के अपनी नौकरी ज्वाइन करने के साथ ही सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि जो खिलाड़ी अपने मेडल गंगा नदी में बहाने जा रहे थे, वे अपनी नौकरी छोड़ दें. सोमवार को ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने इस तरह के सुझावों पर नाराजगी जताई और दावा किया कि जो लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें न्याय के लिए अपनी लड़ाई छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं, वे अब उनकी नौकरी छोड़ने की बात कर रहे हैं.

इसी तरह के बयानों में शीर्ष पहलवानों ने दावा किया कि जब जीवन दांव पर है, तब नौकरी तो एक छोटी सी चीज है. यह बयान कई रिपोर्टों के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि शीर्ष पहलवानों ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया है और अपनी सरकारी नौकरियों में फिर से शामिल हो गए हैं. पहलवानों ने स्पष्टीकरण जारी किया कि उन्होंने रेलवे में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के रूप में काम फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है.

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